कोविड-19 महामारी ने लोगों की सेफ्टी और फ्लैक्सिबिलिटी को देखते हुए पूरी दुनिया को ऑनलाइन शिफ्ट कर दिया है. इसके चलते इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने भी अपने कस्टमर्स के लिए एक बढ़िया कदम उठाया है अब कस्टमर इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन खरीद सकते हैं. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इंश्योरेंस कंपनियों – लाइफ और नॉन-लाइफ – को कस्टमर के KYC डॉक्यूमेंट्स को हासिल करने के लिए वीडियो-बेस्ड आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस (VBIP) को इस्तेमाल करने की परमिशन दे दी है, जो कि पॉलिसी जारी करने के लिए अनिवार्य है.
वीडियो KYC क्या है? यह मुख्य रूप से कस्टमर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर KYC प्रोसेस में हिस्सा लेने की इजाजत देता है. इस तरह ये इंश्योरेंस कंपनियों को डॉक्यूमेंट, बायोमेट्रिक और जियो-लोकेशन वेरीफाई करके ग्राहक की प्रामाणिकता का पता लगाने में सक्षम बनाता है.
इंश्योरेंस कंपनी के ऑथराइज्ड रिप्रेजेन्टेटिव आवश्यक जानकारी हासिल करने के लिए एप्लीकेंट की लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग कर सकते हैं. इस प्रोसेस में टाइम और तारीख के साथ-साथ कस्टमर की लाइव लोकेशन भी कैप्चर हो जाएगी.
शेयर डेटा की सिक्योरिटी, सेफ्टी और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन सुनिश्चित करने के लिए, इंश्योरर को समय-समय पर IRDAI द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी ऑडिट और VBIP एप्लिकेशन का वेलिडेशन करना चाहिए.
IRDAI के अनुसार, वीडियो KYC के माध्यम से शेयर की गई जानकारी की इंटिग्रिटी और कॉफिडेंशियलिटी को मजबूत करने के लिए इंश्योरेंस कंपनियों को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को अपनाना चाहिए – जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और फेस मैचिंग टेक्नोलॉजी शामिल हैं.
इस बीच, IRDAI ने साफ तौर से कहा कि बाद में किसी भी कस्टमर डिस्क्रिपेंसी (विसंगति) के मामले में इंश्योरर पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे. साथ ही, वीडियो KYC की इजाजत केवल भारत में रहने वाले ग्राहकों के लिए है.
RBI ने KYC मानदंडों में पहले ही संशोधन कर दिया है जो बैंकों और सेंट्रल बैंक द्वारा रेगुलेटेड दूसरे लैंडिंग प्लेटफार्मों को वीडियो-बेस्ड कस्टर आइडेंटिटिफिकेशन प्रोसेस का इस्तेमाल करने की परमिशन देता है. महामारी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए बिना कस्टमर सर्विस जारी रखने का यह एक बढ़िया तरीका है.
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