अब जल्द ही देश की सड़कों से पुरानी गाड़ियां दौड़ना बंद हो जाएंगी. सरकार की स्क्रैप पॉलिसी आने के बाद अब इसके लॉन्च होने की तैयारी शुरू हो चुकी है. इसी के तहत गाड़ी स्क्रैप करने पर जहां रिबेट के तौर पर एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिस पर एक यूनिक कोड और होलोग्राम भी होगा, ताकि कोई व्यक्ति फेक सर्टिफिकेट बनाकर गड़बड़ी न कर सके. इसके अलावा सर्टिफिकेट का क्रॉस वेरिफिकेशन भी कराया जाएगा. सरकार ने इसकी भी तैयारी कर ली है. हर ऑटोमोबाइल डीलर के पास अपने अपने इलाके के स्क्रैप डीलर्स के नंबर और वेबसाइट भी होगी. जहां सर्टिफिकेट पर मौजूद यूनिक कोड के जरिए क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा.
स्क्रैपिंग कंपनी पाइन व्यू (Pineview) टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर यश अरोड़ा ने जानकारी दी है कि स्क्रैप व्हीकल्स सर्टिफिकेट को लेकर काफी तेजी से काम शुरू हो चुका है. उन्होंने बताया कि स्क्रैपिंग के बाद एक सर्टिफिकेट मिलेगा जिस पर एक रैंक भी लिखी होगी. इस रैंक का इस्तेमाल नए व्हीकल की खरीदारी में होगा. अधिकतम पांच फीसदी तक की छूट आपको नए व्हीकल पर मिल सकेगी. हालांकि यह छूट एक्स शोरूम प्राइस पर होगी.
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर 10 लाख रुपये की कीमत वाली किसी गाड़ी को स्क्रैप किया जाता है तो मालिक को एक सर्टिफिकेट मिलता है. अगर वह उसी कीमत की नई गाड़ी खरीदता है तो तकरीबन 50 हजार रुपये तक का रिबेट उसे मिल सकता है. हालांकि यह ऑटोमोबाइल कंपनियों पर निर्भर करता है कि कौन कितना अधिक रिबेट कस्टमर्स को प्रोवाइड कराता है.
देश की राजधानी दिल्ली में अभी करीब पांच से छह स्क्रैपिंग डीलर्स हैं जो काफी समय से गाड़ियां स्क्रैप कर रहे हैं लेकिन इनका कहना है कि अभी महीने में चार या पांच ही गाड़ी उनके यहां आती हैं. ऐसा इसलिए भी क्योंकि कस्टमर्स को अभी तक स्क्रैप से ज्यादा फायदा पुरानी गाड़ी को मार्केट में बेचने पर मिलता है. अब नई पॉलिसी आने के बाद उनके यहां गाड़ियों की संख्या भी बढ़ेगी. फिलहाल स्क्रैपिंग की शुरुआत सरकारी गाड़ियों से होने वाली है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।