WPI Inflation: महंगाई की मार से मिली राहत, जुलाई में थोक महंगाई दर घटकर 2.04 फीसदी पर आई
DPIIT की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की थोक महंगाई जुलाई में सालाना आधार पर कम होकर 2.04 प्रतिशत रही, जबकि जून में यह 16 महीने के उच्चतम स्तर 3.36 प्रतिशत पर थी.
बीते कुछ समय पहले टमाटर-प्याज समेत दूसरे खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ने से महंगाई दर सातवें आसमान पर पहुंच गई थी. लोगों का मंथली बजट गड़बड़ा गया था. मगर जुलाई में थोक महंगाई दर के घटने से उन्हें महंगाई की मार से राहत मिली है. बुधवार को उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) की ओर से जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक के आधार (WPI) पर मापी जाने वाली भारत की थोक महंगाई जुलाई में सालाना आधार पर घटकर 2.04 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि जून में यह 16 महीने के उच्चतम स्तर 3.36 प्रतिशत पर थी.
WPI के प्राथमिक उत्पादों की महंगाई वार्षिक दर जुलाई 2024 में 3.08 प्रतिशत रही, जबकि जून 2024 में यह 8.80 प्रतिशत थी. वहीं ईंधन और बिजली की वार्षिक महंगाई दर बढ़कर 1.72 प्रतिशत हो गई है, जो जून 2024 में 1.03 प्रतिशत थी. DPIIT के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक के निर्मित उत्पाद की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जून 2024 में 1.43 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2024 में 1.58 प्रतिशत हो गई. इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा महंगाई दर में भी गिरावट देखने को मिली. ये पांच साल के निचले स्तर 3.54 प्रतिशत पर आ गई है.
खाद्य महंगाई को कम करने पर आरबीआई का जोर
खाद्य महंगाई दर में तेज गिरावट के चलते जुलाई में देश की खुदरा महंगाई दर भी घटकर 3.54 प्रतिशत रह गई, जो लगभग पांच वर्षों में सबसे कम है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक के नतीजों की घोषणा के दौरान भी आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि खाद्य पदार्थों में सप्लाई साइड में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण मूल्य स्थिरता हमारे लक्ष्य को हासिल करने में रोड़ा डाल रहे हैं. इसलिए महंगाई पर काबू पाने के लिए यह ध्यान रखना होगा कि खाने-पीने की चीजें के दाम नियंत्रण में रहें.