भारत अगर राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से हासिल दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के रिकॉर्ड डिविडेंड का इस्तेमाल करता है, तो उसे आने वाले समय में ‘रेटिंग समर्थन’ मिल सकता है. S&P ग्लोबल रेटिंग के एक एनालिस्ट ने गुरुवार को यह बात कही.
सर्वाधिक डिविडेंड
RBI के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड देने का फैसला किया है. यह अबतक का सबसे ज्यादा डिविडेंड है. यह बजट में जताए गए 1.02 लाख करोड़ रुपए के अनुमान से दोगुने से भी ज्यादा है. अंतरिम बजट में सरकार ने RBI और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए की डिविडेंड इनकम का अनुमान जताया था.
जीडीपी का 0.35 फीसद
S&P ग्लोबल रेटंग्स के एनालिस्ट यीफर्न फ़ुआ ने कहा, ‘‘RBI से अतिरिक्त डिविडेंड जीडीपी का लगभग 0.35 फीसद है. यह वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद करेगा या नहीं, यह वास्तव में अंतिम बजट पर निर्भर करेगा. यह जून के चुनाव परिणामों के बाद पारित किया जाएगा.’’ इस साल फरवरी में संसद में पेश अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा GDP का 5.1 फीसद रहने का अनुमान रखा गया है.
घाटे में कमी की कितनी उम्मीद
उन्होंने ई-मेल के जरिये सवालों के जवाब में कहा कि RBI के ज्यादा डिविडेंड से घाटे में कमी कुछ बातों पर निर्भर है. अंतिम बजट में विनिवेश जैसे क्षेत्रों से राजस्व प्राप्ति कम रहती या एक्सपेंडिचर आइटम में अतिरिक्त आवंटन होता है तो RBI के अतिरिक्त डिविडेंड से घाटे में बहुत ज्यादा कमी नहीं आएगी.
फ़ुआ ने कहा, ‘‘ हालांकि, अगर इससे घाटा कम हो जाता है, तो हमारा मानना है कि भारत राजकोषीय मजबूती पर तेजी से बढ़ेगा. यह आने वाले समय में रेटिंग के स्तर पर समर्थन प्रदान करेगा’’.
कितना रहेगा राजकोषीय घाटा
सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 फीसद पर रहेगा. यह 2023-24 में 5.8 फीसद था. राजकोषीय मजबूती की रूपरेखा के अनुसार सरकारी व्यय और राजस्व के बीच का अंतर 2025-26 तक कम करके 4.5 फीसद पर लाने का लक्ष्य है.
S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने पिछले साल मई में ने वृद्धि पर स्थिर परिदृश्य के साथ भारत की रेटिंग ‘बीबीबी-’ रखी थी. इसके साथ कमजोर वित्तीय प्रदर्शन और प्रति व्यक्ति कम जीडीपी को जोखिम के रूप में चिह्नित किया था. बीबीबी-‘ निवेश को लेकर सबसे निचले स्तर की रेटिंग है.
तीनों वैश्विक रेटिंग एजेंसियों – फिच, S&P और मूडीज – ने स्थिर परिदृश्य के साथ भारत को सबसे कम निवेश स्तर की रेटिंग दी हुई है. निवेशक किसी देश में निवेश करते समय रेटिंग पर गौर करते हैं.