WFH: कोरोना के कारण अधिकतर बिजनेस में वर्क फ्रॉम होम (WFH) का कल्चर बढ़ रहा है, लेकिन यह कोई लॉन्ग-टर्म सॉल्यूशन नहीं दिख रहा. इस बीच ऐसे वर्क मॉडल की जरूरत महसूस हो रही है, जिसमें WFH का लचीलापन और पेशेवर ऑफिस माहौल का मिश्रण हो. इसे नेबरहुड को-वर्किंग स्पेस कहा जा रहा है.
यह निवास के 5 किमी रेंज में ही ऑफिस होने की परिकल्पना है. जिसमें जल्द ही ऑफिस, चाहें तो पैदल चलकर, पहुंच सकते हैं और इससे समय की बचत होगी.
कोरोना वायरस के चलते ऑफिस के लिए लंबी यात्रा करना चिंता का सबब हो चुका है. इस बीच कोरोना के डेल्टा वेरियंट के खतरे ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है.
ऐसे में नेबरहुड को-वर्किंग स्पेस समस्या को कुछ हद तक कम कर सकता है. जहां आपका ऑफिस वॉकिंग डिस्टेंस पर ही होगा.
बीते करीब डेढ़ वर्षों से WFH का चलन तेजी से बढ़ा है. किंतु इस मॉडल से उत्पादकता में कमी देखी गई है. बहुत कर्मचारियों को तो यह अब उबाऊ भी लगने लगा है.
इस स्थिति में कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए बेहतर कामकाजी माहौल के बारे में सोच रही हैं. नेबरहुड को-वर्किंग स्पेस अच्छा विकल्प साबित हो सकता है, क्योंकि यह प्रोडक्टिव वर्क एनवायरमेंट उपलब्ध कराता है.
WHF की बड़ी खामी यह है कि इसने प्रोफेशनल और वर्कप्लेस नेटवर्क को काफी नुकसान पहुंचाया है. घर पर काम करने से लोग अपने सहकर्मियों से मिलजुल नहीं पाते, जिससे आपसी समझ का आदान-प्रदान और इनोवेशन नहीं हो पा रहा है.
हालिया सर्वे के मुताबिक , 73 फीसदी कर्मचारी अपने टीम मेंबर्स के साथ सीधा संवाद पसंद करते हैं. इसलिए नेबरहुड को-वर्किंग स्पेस में कर्मचारी अपने साथियों से मिलजुल सकेंगे और बेहतर पेशेवराना माहौल बना रहेगा.
वर्क-फ्राम-होम कल्चर से लोगों के मानसिक और भावनात्मक सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. माइक्रोसॉफ्ट के हालिया सर्वे के अनुसार, ऑनलाइन मीटिंग, वीडियों कॉन्फ्रेंस, चैट आदि से डिजिटल थकावट बढ़ती जा रही है.
सर्वे का कहना है कि कर्मचारियों को हफ्ते कम से कम एक दिन अपने वर्कप्लेस में काम करना चाहिए. इन सभी बातों को देखते हुए नेबरहुड को-वर्किंग स्पेस सुरक्षा के साथ-साथ उत्पादकता बढ़ाने में मददगार हो सकता है.
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