भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों ने शुक्रवार को सात वर्षों में सरकारी बांड की सबसे बड़ी खरीदारी की. इसमें एक कॉर्पोरेट की ओर से बड़ा निवेश भी शामिल है. क्लियरिंग कॉर्प ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार प्राइवेट बैंकों ने कुल 1 बिलियन डॉलर बॉन्ड खरीदे, जो 15 नवंबर 2016 के बाद से सबसे बड़ी खरीद है. इसके चलते नवंबर में कुल खरीदारी 200 अरब रुपए से ऊपर पहुंच गई, जो अक्टूबर में 101 अरब रुपए की थी.
व्यापारियों के मुताबिक एक बड़े कॉरपोरेट ने निजी क्षेत्र के बैंक के माध्यम से लगभग 50 अरब रुपए का बेंचमार्क पेपर खरीदा है. एक निजी बैंक के एक वरिष्ठ ट्रेजरी अधिकारी का कहना है कि शुक्रवार की खरीदारी में कॉन्स्टिट्यूएंट ग्राहक के लिए खरीदारी शामिल है. निजी बैंक अपने रिकॉर्ड के लिए खरीदारी बढ़ा रहे हैं क्योंकि उनके पास मैच्योर होने वाले कागजात का एक बड़ा हिस्सा है, और इस पैसे को रखने के लिए इसकी जरूरत है. अगले एक महीने में कई पेपर मैच्योर होने की वजह से लगभग 1.7 ट्रिलियन रुपए का कैश फ्लो होने वाला है.
एक अन्य ट्रेजरी अधिकारी का कहना है कि ज्यादातर पैसा लिक्विड पेपर्स में दोबारा निवेश किया जाता है, जिसमें पांच साल और बेंचमार्क 10 साल के पेपर भी शामिल हैं. व्यापक आर्थिक स्थितियों में सुधार के चलते बॉन्ड खरीदारी में तेजी आ रही है. नवंबर में 10-वर्षीय अमेरिकी यील्ड 55 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा गिरकर लगभग 4.45% हो गई है.
Published - November 21, 2023, 01:51 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।