भारत का ई-रिटेल मार्केट (e-retail market) अगले 5 वर्षों में सालाना 25%-30% बढ़ने की उम्मीद है, जो मॉडर्न ट्रेड को पार करते हुए FY26 तक 120- 140 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. बेन एंड कंपनी (Bain & Company) के विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इस ग्रोथ का अधिकांश हिस्सा स्मॉल टाउन इंडिया यानी छोटे शहरों और कस्बों से आएगा. स्मॉल टाउन के अलावा, पिछले साल महिलाओं और पुराने शॉपर्स का ऑनलाइन शॉपिंग बेस अच्छा रहा है, और इस ट्रेंड के जारी रहने की उम्मीद है.
भारत में बढ़ी ई-रिटेल शॉपर्स की संख्या
महामारी के बीच भारत के ई-रिटेल शॉपर्स की संख्या 2020 में 14 करोड़ तक पहुंच गई. देश में पहले से ही चीन और अमेरिका के बाद विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन शॉपर्स बेस है. यहां तक कि कोविड के प्रतिबंधों के कारण FY21 में रिटेल मार्केट 5% तक घट (shrink) गया, लेकिन ऑनलाइन सेगमेंट में 25% की वृद्धि हुई और यह 38 अरब डॉलर तक पहुंच गया.
फर्म के विश्लेषकों ने रिपोर्ट में कहा, ‘कोविड-19 ने भारत के ई-रिटेल मार्केट को तेज गति प्रदान की. मेट्रो शहरों में यह तेजी और भी अधिक थी, क्योंकि पिछले साल शीर्ष आठ मेट्रो शहरों में तीन में से एक व्यक्ति ने कम से कम एक बार ऑनलाइन खरीदारी की. बेंगलुरु इसमें सबसे आगे रहा.’
ऑनलाइन शॉपिंग में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका
नए ऑनलाइन शॉपर्स ने सबसे ज्यादा फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, जनरल मर्चेंडाइज और मोबाइल सेगमेंट में खरीदारी की. ऑनलाइन शॉपिंग में वॉइस, vernacular (स्थानीय भाषा) और सोशल मीडिया की भूमिका भी बढ़ रही है. अगली पीढ़ी के ऑनलाइन शॉपर्स को आकर्षित करने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है.
ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स वॉइस सर्च का ऑप्शन देते हैं. रिपोर्ट में सामने आया है कि 10 में से एक यूजर ने वॉयस सर्च करने की कोशिश की है, जबकि तीन नए यूजर्स में से एक ने vernacular (स्थानीय भाषा) प्लेटफॉर्म इंटरफेस का लाभ उठाया. इन्फ्लुएंसर्स और सोशल मीडिया चैनल की भूमिका कितनी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल करीब 40% ऑनलाइन शॉपर्स ने एक खरीदारी इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से की.
ई-रिटेल में रिलायंस और टाटा जैसे प्लेयर्स की एंट्री
भारतीय ई-रिटेल का नेतृत्व फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे प्लेटफॉर्म करते हैं, लेकिन अब इसमें रिलायंस और टाटा जैसे प्लेयर्स की भी एंट्री हो गई है. रिलायंस और टाटा ग्रुप इन कंपनियों का मुकाबला करने के लिए अधिग्रहण की रणनीति पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा, कई अन्य ऑनलाइन ब्रांड हैं जो स्पेसिफिक सेगमेंट जैसे ब्यूटी, हेल्थ एंड वेलनेस प्रोडक्ट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती लोकप्रियता ने स्थापित और डिजिटली नेटिव ब्रांडो को भी अपनी वेबसाइटों के माध्यम से एक डी2सी (डायरेक्ट टू कंज्यूमर) चैनल चुनने के लिए प्रेरित किया है.
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