पिछले चार वर्षों में पांच वैश्विक ऑटो कंपनियों (auto companies exit from India) – फोर्ड, जनरल मोटर्स, हार्ले डेविडसन, मैन ट्रक्स और UM लोहिया के बंद होने से ऑटो उद्योग में 64,000 नौकरियां चली गईं. वहीं इससे ऑटोमोटिव डीलरों को 2,485 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोटिव डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है.
GM और फोर्ड के बंद होने से सबसे ज्यादा नुकसान
यूनियन हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्टर महेंद्र नाथ पांडे को लिखे पत्र में FADA ने वर्कशॉप और डीलरशिप के बंद होने से हुए नुकसान की जानकारी दी है. इसमें कहा गया है कि फोर्ड में घोषित उत्पादन बंद होने के साथ 170 डीलरशिप प्रभावित हुई हैं. वहीं फोर्ड को मिलाकर कुल पांच वैश्विक ऑटो कंपनियों के बंद होने से कुल 464 डीलरशिप प्रभावित हुई हैं.
इससे 64,000 नौकरियां चली गईं. सबसे ज्यादा नौकरियों का नुकसान GM मोटर्स (40,000) और फोर्ड (15,000) से हुआ है. वहीं मैन ट्रक्स के बंद होने से 4,500, UM से 2500 और हार्ले डेविडसन से 2000 नौकरियों का नुकसान हुआ है.
डीलरों को मजबूर कर रही फोर्ड
फोर्ड किसी भी मुआवजे के पैकेज पर काम करने से पहले अपने डीलरों को नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर रही है. पत्र में कहा गया है, ‘कई फोर्ड डीलरों ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से FADA से इस मामले के सौहार्दपूर्ण समाधान का अनुरोध किया है.’
FADA ने पहले ही फोर्ड मैनेजमेंट को इस कार्रवाई को लेकर पत्र लिखा है. एसोसिएशन ने मंत्रालय से डीलर और डीलर कर्मचारी के मुआवजे की दैनिक आधार पर निगरानी के लिए टास्क फोर्स का गठन करने का अनुरोध किया है.
Published - September 24, 2021, 06:33 IST
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