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PPF में योगदान देने वालों को 1 अप्रैल 1986 से लेकर 14 जनवरी 2000 तक 12 फीसदी की ऊंची ब्याज दर का फायदा मिला है.
यस बैंक मामले में निवेशकों के बुरे अनुभव के बाद रेगुलेटर्स को इन बॉन्ड्स पर फिर से गौर करना पड़ा है और इनके लिए नए नियम तय करने पड़े हैं.
Overnight Funds: इन फंड्स का नाम ओवरनाइट इनके इन्वेस्टमेंट के तरीके की वजह से है. आप जब चाहें तब ये रकम निकाल पाएंगे.
Debt Funds: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐलान किया है कि वो 20,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशन करेगी.
Gilt Account: भारत एशिया का पहला देश होगा जहां ये सुविधा होगी. फिलहाल US, ब्राजील जैसे चुनिंदा देशों में इसकी सुविधा है. इस कदम के जरिए उनकी कोशिश है कि रिटेल निवेशक के पास भी सरकारी बॉन्ड में निवेश का मौका हो.
Debt Investments: अक्सर निवेशक 3-4 साल के लिए डेट विकल्प चुनना पसंद करते थे. क्या अब उन्हें अपने ऐसेट एलोकेशन में बदलाव करना चाहिए?
जीरो कूपन समझने के लिए पहले जानना जरूरी है कि कूपन बॉन्ड क्या होता है और बॉन्ड कैसे काम करते हैं.
कॉरपोरेट एफडी बैंक की तुलना में ज्यादा जोखिम भरी होती है. बैंक एफडी में निकासी कॉरपोरेट एफडी की तुलना में काफी आसान है.