सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा ब्याज चाहते हैं लेकिन सेफ्टी चाहिए पूरी? तो आपके लिए बड़े काम के हैं ओवरनाइट फंड्स (Overnight Funds) यानि ऐसे फंड्स जो सिर्फ 1 रात के लिए निवेश करते हैं. पर भला एक रात का भी कोई इन्वेस्टमेंट होता है क्या? SEBI ने जब म्यूचुअल फंड्स की कैटेगरी को नियमित किया तब ओवरनाइट फंड्स को अलग कैटेगरी बनाई और इसमें पारदर्शिता के लिए समय-समय पर सर्कुलर भी लाए गए.
फंड का निवेश कहां?
ओवरनाइट फंड्स (Overnight Funds) डेट कैटेगरी का निवेश है जो ऐसे विकल्पों में निवेश करते हैं जो एक ही दिन में मैच्योर हो जाते हैं. हर कारोबारी दिन की शुरुआत में फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) कैश में होता है. इसके जरिए बॉन्ड खरीदे जाते हैं और अगले कारोबारी दिन ये मैच्योर हो जाते हैं. फिर अगले दिन कैश के साथ शुरुआत होती है, बॉन्ड में निवेश होता है जो अगले ही दिन फिर मैच्यर हो जाएं और ये प्रक्रिया चलती रहती है. यानि आपके पास पैसे निकालने की सुविधा हर दिन होगी. लिक्विडिटी का झंझट बिल्कुल नहीं.
अगर आपके पास बड़ी रकम है जो आप किसी लॉक-इन पीरियड वाले विकल्प में नहीं डालना चाहते तो ओवरनाइट फंड्स (Overnight Funds) में निवेश कर सकते हैं ताकि जब चाहें तब पैसे निकाल भी सकें और उसपर रिटर्न भी मिलता रहे.
अगर आप ओवरनाइट कैटेगरी में निवेश करना चाहते हैं तो आपके इसके लिए खरीदारी या निकासी का आवेदन ट्रेडिंग के समय के दौरान ही करना होगा.
निवेश की सुरक्षा कितनी?
हाल ही के समय में बॉन्ड और डेट मार्केट में बढ़ती इंट्रस्ट रेट से चिंता बढ़ी है. इंट्रस्ट रेट बढ़ने से डेट फंड के रिटर्न घटते हैं. वहीं किसी कंपनी के डिफॉल्ट करने पर उनके बॉन्ड या कमर्शियल पेपर की वैल्यू घट जाती है. ओवनरनाइट फंड्स (Overnight Funds) में इस तरह का रिस्क सबसे कम है. क्योंकि इनमें निवेश केवल एक रात ही रहता है इसलिए उतने समय में बड़े डिफॉल्ट या इंट्रस्ट रेट में बड़े बदलाव की संभावना नहीं रहती.
कितने समय के लिए निवेश?
इन फंड्स का नाम ओवरनाइट इनके इन्वेस्टमेंट के तरीके की वजह से है, आपके निवेश निकालने के लिए कोई निश्चित समय नहीं है. आप जब चाहें तब ये रकम निकाल पाएंगे. जैसा आप अन्य डेट फंड्स में छोटी अवधि के लिए निवेश करते हैं वैसे ही इनमें एक रात या फिर कुछ महीने के लिए रकम रख सकते हैं.
लिक्विड फंड बनाम ओवरनाइट फंड्स
इमरजेंसी के लिए लिक्विड फंड्स का चलन बढ़ा है लेकिन वहीं दूसरी ओर इमरजेंसी के लिए पैसे रखने के लिए ओवरनाइट फंड्स (Overnight Funds) भी बड़े दावेदार उभरकर निकले हैं. लिक्विड फंड्स उन सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं जिनकी मैच्योरिटी 91 दिनों तक की होती है जैसे कि ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर या डिपॉजिट सर्टिफिकेट्स. जबकि ओवरनाइट फंड्स रेपो ट्रेड्स में निवेश करते हैं जो एक ही दिन में मैच्योर होते हैं. कभी-कभी ये एक दिन के कमर्शियल पेपर में भी पैसा लगाते हैं. ओवरनाइट फंड्स की मैच्योरिटी हर दिन होने की वजह से इनमें रिस्क लिक्विड फंड से भी कम होता है.
लिक्विड फंड्स में मामूली एक्जिट लोड लगता है जबकि ओवरनाइट फंड्स (Overnight Funds) कोई एक्जिट लोड नहीं लगता.
निवेश के फैसले लेने से पहले फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें.
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