Debt Funds: वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए सरकार के 12 लाख करोड़ रुपये के बॉरोइंग प्लान के बाद से डेट निवेशकों में चिंता बढ़ी है. चिंता इस बात की सरकार की उधारी से डेट मार्केट (Debt Market) में यील्ड बढ़ेगा जिससे बॉन्ड मार्केट में रिटर्न घट सकते हैं. वहीं आज रिजर्व बैंक ने डेट निवेशकों की राहत के लिए बड़ा कदम उठाया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐलान किया है कि वो 20,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशन करेगी. RBI ये ओपन मार्केट ऑपरेशन 10 फरवरी को करेगा. रिजर्व बैंक के ऐलान के बाद 10 साल के बेंचमार्क G-Sec (सरकारी सिक्योरिटीज) के यील्ड में हल्की गिरावट आई है. डेट निवेशकों के लिए ये कितना बड़ा कदम है? क्या डेट फंड्स (Debt Funds) के लिए ये अच्छी खबर है?
इन सभी सवालों का जवाब दिया एसआरई वेल्थ (SRE Wealth) के को-फाउंडर और CEO कीर्तन शाह ने Money9 की पर्सनल फाइनेंस एडिटर प्रियंका संभव के साथ खास चर्चा में. यहां देखें पूरी चर्चा:
डेट फंड्स कहां निवेश करते हैं?
डेट फंड्स (Debt Funds) आपके पैसे बॉन्ड्स में निवेश करते हैं. बॉन्ड्स में दो तरीकों से कमाई होती है – कूपन से और बॉन्ड के ट्रेड से कैपिटल गेन. बॉन्ड की भाषा में कूपन ही ब्याज की कमाई है.
किसे डेट फंड में निवेश करना चाहिए?
डेट फंड में एसेट एलोकेशन के हिसाब से निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड की डेट विकल्प में 16 कैटेगरी हैं. हर तरह के इन्वेस्टर के लिए यहां विकल्प है – जो कम जोखिम लेना चाहता है या जिसे ज्यादा रिस्क लेना हो. इसमें SIP के जरिए या एकमुश्त पैसे भी निवेश कर सकते हैं.
कैसे तय करें किस डेट फंड में पैसे लगाएं?
जिस फंड का निवेश खराब क्रेडिट रेटिंग वाली कंपनियों में पैसा लगाते हैं तो उसमें कूपन ज्यादा होता है लेकिन इसमें रिस्क भी ज्यादा है. मार्केट में इंट्रस्ट रेट बढ़ने से डेट फंड (Debt Funds) के रिटर्न घटने लगते हैं. इंट्रस्ट रेट घटने से डेट फंड के रिटर्न बढ़ते हैं.