Options trading: इसमें मोटे तौर पर ऑप्शंस की खरीद और बिक्री शामिल होती है. इसमें आपको "कॉल" और "पुट" ऑप्शंस को समझना जरूरी है.
Portfolio: आपके लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट एक्सपीरिएंस की झलक आपके एसेट एलोकेशन पर नजर आती है, न कि म्यूचुअल फंड सिलेक्शन पर.
Asset Allocation: अगर-अलग तरह के एसेट क्लास में अपना पैसा निवेश करने की रणनीति, लंबे समय में बेहतरीन रिटर्न पाने में मदद करती है.
2009 में बतौर PO करियर शुरू करने के बाद अंशुमान चैन से नहीं बैठे. वे शारीरिक रूप से फिट रहने के साथ ही पैसों के लिहाज से भी मजबूत होना चाहते थे.
मार्केट की स्थितियों के आधार पर पोर्टफोलियो में बदलाव करते रहने की इस रणनीति को डायनेमिक एसेट एलोकेशन (Dynamic Asset Allocation) कहा जाता है.
पोर्टफोलियो के मूल स्वरूप को हासिल करने के लिए एसेट एलोकेशन में बदलाव लाने की रीबैलेंसिंग एक्सरसाइज को Portfolio Adjustment कहते हैं.
स्मॉलकेस (Smallcase) यानी ऐसी बास्केट जिसमें कोई आइडिया, स्ट्रैटेजी, थीम या सेक्टर आधारित 12-15 स्टॉक्स/ETFs एक साथ इकट्ठा किए गए होते हैं.
tax loss harvesting की रणनीति से आपको सीधा मुनाफा नहीं होगा, फिर भी वेल्थ बढ़ाने में टैक्स-लॉस इनवेस्टिंग से आपको काफी मदद मिलेगी.
mutual funds: म्यूचुअल फंड चुनना अत्यंत महत्वपूर्ण है. युवा निवेशकों को बड़ा जोखिम उठाने में सक्षम होना चाहिए
Asset Allocation:आपके पास अपनी खुद की एक एसेट एलोकेशन रणनीति होनी चाहिए और इसी हिसाब से आपको अपने निवेश तय करने चाहिए.