Dynamic Asset Allocation: शेयर मार्केट नई ऊंचाई को छू रहा है. पिछले एक साल में मार्केट की वैल्यूएशन काफी बढ़ चुकी है. कई जानकारों को लग रहा है कि आने वाले वक्त में मार्केट में गिरावट आ सकती है.ऐसे माहौल में छोटे निवेशक रिस्क का आकलन करते हुए अपने पोर्टफोलियो में बदलाव कर सकते हैं. मार्केट की स्थितियों के आधार पर पोर्टफोलियो में बदलाव करते रहने की इस रणनीति को डायनेमिक एसेट एलोकेशन (Dynamic Asset Allocation) कहा जाता है.
सेबी रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर धर्मेश कुमार भट्ट के मुताबिक, “डायनेमिक रणनीति अपनाने से पहले निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए. निवेशकों को अपनी उम्र, निवेश करने के मकसद और कितने समय के लिए निवेश किया है, ये चीजें ध्यान में रखनी चाहिए.”
वैसे तो मार्केट लंबे समय के लिए ऊपर ही जाता है, लेकिन इस सफर में काफी उतार-चढ़ाव आते हैं. ऐसे उतार-चढ़ाव के बीच यदि आपको बेहतर रिटर्न चाहिए तो आपको डायनेमिक एसेट एलोकेशन (Dynamic Asset Allocation) की रणनीति अपनानी चाहिए.
क्या है डायनेमिक एसेट एलोकेशन रणनीति?
इस रणनीति के तहत बाजार की स्थितियों के मुताबिक, डेट और इक्विटी में निवेश को कम या ज्यादा किया जाता है. ये बदलाव इस तरह से करना चाहिए, जिसके कारण अगले तीन सालों में अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद बढ़ जाए.
कितना हो डेट-इक्विटी का रेशियो
डेट और इक्विटी में निवेश का आधार कई फैक्टर्स पर निर्भर है. इसमें एक फैक्टर है उम्र. सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर प्रतीक शर्मा बताते हैं, “आपकी उम्र जितनी हो उतना फीसदी निवेश डेट में होना चाहिए.” यदि आप 30 साल के हैं तो आपके पोर्टफोलियो में 70% इक्विटी और 30% डेट या कैश होना चाहिए. जब आप 60 साल के हो जाएं तब पोर्टफोलियो में सिर्फ 40% इक्विटी रखें. उम्र के इस वक्त में सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान (STP) और सिस्टेमेटिक विद्ड्रॉल प्लान (SWP) को पसंद करना चाहिए.
महंगाई दर
आपको महंगाई दर को पछाड़ सके इस तरह से पोर्टफोलियो में बदलाव करते रहना चाहिए. महंगाई को पछाड़ कर लाभ दे सके ऐसा रिटर्न पाने के लिए इक्विटी को छोड़कर शायद ही कोई माध्यम है. यदि आप इक्विटी में सीधे निवेश नहीं कर सकते तो म्यूचुअल फंड और SIP के जरिए निवेश का विकल्प है. म्यूचुअल फंड में भी आप डायनेमिक म्यूचुअल फंड पसंद कर सकते हैं.
डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड
डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड्स को बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स भी कहा जाता है. ये फंड्स इक्विटी में 65%-80% और Fixed इनकम में 20%-35% निवेश करते हैं. ये फंड एसेट एलोकेशन के सिद्धांत पर काम करते हैं. ऐसे फंड्स का मकसद विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करके रिस्क और रिटर्न के बीच संतुलन बनाए रखने का होता है.
डायनेमिक रणनीति के फायदे
डायनेमिक (Dynamic Asset Allocation) रणनीति के कारण आपको रिस्क और रिटर्न के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलती है. इसके कारण उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम किया जा सकता है और अधिकतम रिटर्न पाने में मदद मिल सकती है. इससे गिरावट का जोखिम सीमित हो जाता है.
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