• English
  • বাংলা
  • తెలుగు
  • मराठी
  • ಕನ್ನಡ
  • ગુજરાતી
  • money9
  • बीमा
  • बचत
  • कर्ज
  • इन्वेस्टमेंट
  • आईपीओ
  • कमोडिटी
    • गोल्ड
    • कृषि
    • एनर्जी
    • मेटल्स
  • Breaking Briefs
downloadDownload The App
Close
  • Home
  • Videos
  • Podcast
  • Exclusive
  • टैक्स
  • म्यूचुअल फंड
  • बचत
  • कर्ज
  • म्यूचुअल फंड
  • स्टॉक
  • प्रॉपर्टी
  • कमोडिटी
    • गोल्ड
    • कृषि
    • एनर्जी
    • मेटल्स
  • Survey 2023
  • Survey Report
  • Breaking Briefs
  • बीमा
  • बचत
  • लोन
  • इन्वेस्टमेंट
  • म्यूचुअल फंड
  • प्रॉपर्टी
  • टैक्स
  • Exclusive
  • आईपीओ
  • Home / एंटरटेनमेंट

मार्केट की तेजी में कैसे करें पोर्टफोलियो एडजस्टमेंट?

पोर्टफोलियो के मूल स्वरूप को हासिल करने के लिए एसेट एलोकेशन में बदलाव लाने की रीबैलेंसिंग एक्सरसाइज को Portfolio Adjustment कहते हैं.

  • Team Money9
  • Last Updated : May 31, 2021, 15:20 IST
ग्लोबल इकोनॉमी फिर से धीरे-धीरे खुलने के साथ ही स्थिति उलट हो जाएगी. हालांकि, इस बात का रिस्क बढ़ रहा है
  • Follow

बाजार उतार-चढ़ाव के अलग-अलग दौर से गुजरता रहता है और बाजार के इस रोलर-कोस्टर राइड जैसी सफर में बने रहने के लिए पोर्टफोलियो को एडजस्ट करते रहना भी जरूरी है. 2020 में सेंसेक्स ने 25,000 से 50,000 का फासला तय किया था और 2021 में भी तेजी वालों ने मंदी वालों को बाजार में घुसने से दूर रखा है. ऐसे हालात में क्या आपको पोर्टफोलियो एडजस्ट (Portfolio Adjustment) करना चाहिए? और ऐसा करने से कितना फायदा हो सकता है?

पोर्टफोलियो एडजस्टमेंट

किसी निवेशक ने शेयरों में 60% और बॉन्ड में 40% पैसा लगाया है और शेयर का परफॉर्मेंस अच्छा होने के कारण पोर्टफोलियो में उसकी वैल्यू 80% और बॉन्ड की वैल्यू 20% हो गई है.

ऐसे हालात में रिस्क-कैपेसिटी के आधार पर आपके पास विकल्प है कि आप कुछ शेयरों में मुनाफावसूली करें और फिर से 60/40 एलोकेशन हासिल कर लें. यानी आपके पोर्टफोलियो के मूल स्वरूप को हासिल करने के लिए एसेट एलोकेशन में बदलाव लाने की रीबैलेंसिंग एक्सरसाइज को पोर्टफोलियो एडजस्टमेंट (Portfolio Adjustment) कहते हैं.

मोमैंटम के साथ चलें

निवेश की स्ट्रैटेजी लॉन्ग-टर्म की होनी चाहिए. बाजार काफी बढ़ चुका है, सिर्फ इसलिए बेचने के बारे में न सोचें. आपका फोकस ‘सेल विथ राइज’ नहीं बल्कि, ‘बाय विथ मोमैंटम’ या ‘बाय विथ डिप्स’ पर होना चाहिए.

NISM-सर्टिफाइड रिसर्च एनालिस्ट & AMFI-रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर हिमांशु शाह बताते हैं, “अभी मल्टी-ईयर बुल मार्केट का दौर चल रहा है और आपको मोमैंटम के साथ चलना चाहिए. अभी मोमैंटम लार्ज-कैप और ब्लूचिप के साथ है. यदि आप शेयर मार्केट में डायरेक्ट इंवेस्ट करते है तो ऐसे शेयर के बारे में सोचें, वहीं म्यूचुअल फंड निवेशकों को पोर्टफोलियो में ब्लुचिप और लार्ज-कैप या मल्टी-कैप फोकस्ड स्कीम्स को ऐड करना चाहिए.”

बुल मार्केट और एडजस्टमेंट

यदि बाजार सिलसिलेवार बढ़ते हुए 20% ऊपर जाए तो इसे बुल मार्केट कहते हैं और सिलसिलेवार नीचे जाते हुए 20% नीचे जाए तो उसे बेयर मार्केट कहते हैं.

बुल मार्केट में भी दो प्रकार होते हैं, अस्थायी बुल मार्केट और स्ट्रक्चरल बुल मार्केट. भारतीय बाजारों ने 1991 और 1992 में जो अनुभव किया था वो टेंपरेरी बुल मार्केट्स का दौर था, वहीं 2003 से 2008 का दौर स्ट्रक्चरल का रूप दिखाता है. बुल मार्केट के दौरान आपको कुछ बेसिक एडजस्टमेंट (Portfolio Adjustment) करने चाहिए.

– यदि मार्केट स्ट्रक्चरल रूप दिखा रहा है तो आपको इक्विटी एलोकेशन की सीमा के अंदर रहना जरूरी है. आपका एलोकेशन 55-65% तक पहुंच गया है तो इसका मतलब है कि आप इक्विटी एलोकेशन की रेंज की सीमा पार करने के काफी करीब हैं.

– मुनाफावसूली करने के लिए जल्दबाजी न करें. जहां तक हो सके अपने प्रॉफिट को होल्ड करें और जरूरत पड़े तो पिछले स्टॉप लॉस को आधार बनाएं. पिछले 28 सालों में बुल मार्केट्स का पीरियड औसतन 6 साल रहा है. इसलिए, आपका फोकस इस पीरियड को समझ कर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा निकालने पर होना चाहिए.

– बुल मार्केट्स के शुरुआती और मध्य दौर में मिड-कैप्स पर फोकस करें, लेकिन जब बुल मार्केट मध्य दौर से आगे निकले तब पोर्टफोलियो में ब्लुचिप पर फोकस करें. जब मार्केट का वैल्यूएशन पिछले हाई लेवल से ऊपर पहुंच जाए और अर्थतंत्र भी अच्छे आसार दिखा रहा हो तब इक्विटी पोजिशन को थोड़ा कम करने पर ध्यान दें.

– आपने इक्विटी में 50% इनवेस्ट किया है तो 60% पर ट्रिगर सेट कर लें और उससे आगे एलोकेशन न करें. जब आपका इक्विटी एलोकेशन 60% को छू ले तब मुनाफावसूली करके डेट में निवेश कर देना चाहिए, ऐसा करने से आपका मूल एलोकेशन मिक्स बरकरार रहेगा. इसे पैसिव एप्रोच कहा जाता है, लेकिन ऐसा करने से आपको बुल और बेयर मार्केट की अनियमितता के साथ तालमेल मिलाने में मदद मिलेगी.

Published - May 31, 2021, 03:20 IST

पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।    

  • Asset Allocation
  • bull market
  • Investment

Related

  • Aadhar का कब, कहां और किस समय किया गया प्रयोग, जानें इन आसान तरीकों से
  • इक्विटी म्यूच्युअल फंड्स से पैसा कब निकालें, विद्ड्रॉल का राइट टाइम क्या है?
  • कोरोना काल में कैश नहीं UPI से करो पेमेंट, इस अकाउंट के ये हैं कई फायदे
  • साइकिल शेयरिंग का नया ट्रेंड, ऐसे फ्यूल कॉस्ट को कम कर रहे लोग
  • कई पॉलिसी हों तो हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें? यहां मिलेगा इसका हल
  • वरिष्ठ नागरिकों पर भारी पड़ रही दवाओं की महंगाई 

Latest

  • 1. फटाफट खरीद लो iPhone, बढ़ने वाले हैं दाम
  • 2. पैन-आधार नहीं हैं लिंक्ड?
  • 3. 10 साल से व‍िजय केड‍िया के पास ये शेयर
  • 4. Vi को मिलेगी सरकार से बड़ी राहत?
  • 5. Nifty50 का ह‍िस्‍सा बनेगी Indigo
  • Trending Stories

  • फटाफट खरीद लो iPhone, बढ़ने वाले हैं दाम!
  • पैन-आधार नहीं हैं लिंक्ड?
  • 10 साल से व‍िजय केड‍िया के पास ये शेयर
  • Vi को मिलेगी सरकार से बड़ी राहत?
  • Nifty50 का ह‍िस्‍सा बनेगी Indigo
  • TV9 Sites

  • TV9 Hindi
  • TV9 Marathi
  • TV9 Gujarati
  • TV9 Kannada
  • TV9 Bangla
  • TV9 English
  • News9 Live
  • Trends9
  • Tv9tamilnews
  • Assamtv9
  • Malayalamtv9
  • Money9 Sites

  • Money9 Hindi
  • Money9 English
  • Money9 Marathi
  • Money9 Telugu
  • Money9 Gujarati
  • Money9 Kannada
  • Money9 Bangla
  • Money9live
  • Topics

  • बीमा
  • बचत
  • कर्ज
  • शेयर
  • म्यूचुअल फंड
  • प्रॉपर्टी
  • टैक्स
  • क्रिप्टो
  • एक्सक्लूसिव
  • survey data
  • Download App

  • play_store
  • App_store
  • Contact Us
  • About Us
  • Advertise With Us
  • Privacy & Cookies Notice
  • Complaint Redressal
  • Copyright © 2025 Money9. All rights reserved.
  • Facebook
  • Twitter
  • Whatsapp
  • LinkedIn
  • Telegram
close