Claim Settlement: जिन कंपनियों का अनुपात 95% से ज्यादा है, वो कंपनियां बेहतर मानी जाती हैं. क्लेम को जल्दी सेटल कर देती हैं
Car Insurance: दुर्घटना के बाद क्लेम करना आपकी बीमा प्रोफ़ाइल को नुकसान पहुंच सकता है और बदले में आपका प्रीमियम बढ़ सकता है.
आपको अपने परिवार की मेडिकल हिस्ट्री ध्यान में रखते हुए डायबिटीज और कैंसर प्लान जैसे डिजीज स्पेसिफिक प्लान खरीदने के बारे में सोचना चाहिए.
Claim: मेडिक्लेम होने के बाद बावजूद नॉन-मेडिक्लेम खर्च जैसे इनवेस्टिगेशन चार्ज, अस्पताल का रूम रेंट आदि का खर्च ग्राहक को उठाना पड़ता है
Saral Pension: अगर कोई एलआईसी सरल पेंशन योजना में 10 लाख रुपये का निवेश करता है, तो उसे 51,650 रुपये वार्षिक पेंशन मिलेगी
Bite Size Insurance: एक ऐसा खरीदार जो पहली बार बीमा पॉलिसी ले रहा है, बाइट-साइज़ इंश्योरेंस उसे ज्यादा नुकसान ना होने का भरोसा दिलाता है.
LIC Jeevan Akshay Policy: यह एक सिंगल प्रीमियम नॉन-लिंक्ड नॉन-पार्टिसिपेटिंग और पर्सनल एन्युटी प्लान है. कम से कम 1 लाख का निवेश करना होता है
LIC: सम एश्योर्ड सिंगल प्रीमियम का 10 गुना हैं. अगर आप इस प्लान में 1 लाख रुपये निवेश करते हैं, तो तय समय के बाद आपको 10 लाख रुपये मिलेंगे.
Claim: सबसे पहले बीमा कंपनी के शिकायत सेल में अपनी बात रखें. वहां से 15 दिन में उचित जवाब नहीं मिलने पर IRDA में शिकायत करें.
Term Insurance Premium: कंपनी भुगतान किए गए प्रीमियम को वापस कर देगी, जो पॉलिसी की अवधि तक जीवित हैं. इससे सेल्स पिच शक्तिशाली हो जाती है