Claim Settlement: लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी इसलिए खरीदते हैं ताकि किसी अप्रिय हालात में आपके परिवार पर किसी तरह का आर्थिक बोझ न आए, लेकिन सोचिए तब क्या हो जब आपका क्लेम ही रिजेक्ट हो जाए?
ऐसा होने से आपके इंश्योरेंस लेने और सालों साल बिना भूले उसके प्रीमियम भरने का मकसद ही बेकार जाएगा. इसलिए किसी भी कंपनी से पॉलिसी खरीदने से पहले आपको उसके क्लेम सेटलमेंट (Claim Settlement) और अन्य लोगों के अनुभव से रिसर्च करनी चाहिए.
इसके लिए आपको कंपनी के क्लेम सेटलमेंट रेशियो के बारे में पता लगाना चाहिए. कंपनी जिसका सेटलमेंट रेशियो सबसे ज्यादा होता है, उस कंपनी की पॉलिसी लेना सबसे बेहतर फैसला होता है.
पॉलिसी एक्स.कॉम के फाउंडर और सीईओ नवल गोयल के मुताबिक “कोई नहीं चाहता कि उसकी गैर-मौजूदगी में परिवार के लोगों को क्लेम के लिए इंश्योरेंस कंपनी में भागादौड़ी करनी पड़े.
इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले हमें जानना जरूरी है कि कौन सी कंपनी क्लेम सेटलमेंट में सबसे अच्छी है, जिसका ट्रैक रिकॉर्ड सबसे अच्छा हो. इसलिए ग्राहकों को इंश्योरेंस खरीदने से पहले कंपनियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए.”
क्लेम सेटलमेंट रेशियो का मतलब कंपनी को आए कुल क्लेम में सेटल हुए क्लेम का अनुपात.
गोयल ने बताया कि “यह बीतों सालों से लंबित दावों सहित अवधि में प्राप्त क्लेम की संख्या के मुकाबले एक वित्तीय वर्ष में कंपनी के जरिए निपटाए गए इंश्योरेंस क्लेम के प्रतिशत को मापने का एक तरीका है.
ये कंपनी की परफॉर्मेंस को जानने और क्लेम सेटलमेंट को समझने का एक पारदर्शी तरीका है.”
दो तरह के सेटलमेंट रेशियो होते हैं जिन्हें हमें जानना चाहिए. पहला, पॉलिसी संख्या के आधार पर और दूसरा, क्लेम की वैल्यू के आधार पर होता है. क्लेम सैटलमेंट के मामले मैक्स लाइफ सबसे आगे है.
मैक्स का क्लेम सेटलमेंट रेशियो पॉलिसी संख्या के आधार पर 99.12% है. जबकि क्लेम वैल्यू के आधार पर 95 से नीचे है. इसलिए आपको उस कंपनी का चुनाव करना चाहिए, जो पॉलिसी संख्या और क्लेम वैल्यू दोनों पर खरी उतरती हो.
गोयल ने बताया कि “IRDAI के मुताबिक जिन कंपनियों का अनुपात 95% से ज्यादा है, वो कंपनियां बेहतर मानी जाती हैं. ऐसी कंपनियां क्लेम को ज्यादा जल्दी और बिना किसी समस्या के सेटल कर देती हैं.”
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