प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले सात वर्षों में विभिन्न सरकारी सुधारों के चलते अर्थव्यवस्था सुधार के पथ पर आगे बढ़ रही है.
Economy: कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर पनगढ़िया ने कहा कि आम धारणा के विपरीत भारत में निजी निवेश निश्चित रूप से पहले ही बढ़ चुका है
Corporates: रेटिंग एजेंसियों का सर्वसम्मति से मानना है कि भारतीय उद्योग जगत की क्रेडिट गुणवत्ता पर बढ़ते दबाव काफी हद तक कम हो गए हैं.
स्टेट बैंक का इंडिया का इन-हाउस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स महामारी से पूर्व स्तर पर पहुंचा गया लेकिन विकास दर में में तेजी से व्यवसायों में सुधार होगा.
Covid-19: स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में विशेष प्रबंध करने के लिए पत्र लिखा है.
COVID-19 Cases: स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव कहा, कोविड सक्रिय मामलों की संख्या घटी है. इस वक़्त देश में 3,01,000 सक्रिय मामले हैं. रिकवरी दर 97.8% है.
MSME: कोरोना महामारी के कारण देश के सभी उद्योग प्रभावित हुए है, विशेष रूप से एमएसएमई सेक्टर को एक बड़ा झटका लगा है.
अगस्त की मेहनत का असर सितंबर में साफ तौर से दिखाई दे रहा है. इसके अलावा मुद्रास्फीति में भी एक अनुकूल सुधार हुआ है.
Gold loan: अगस्त 2020 में RBI ने महामारी के मद्देनजर बैंकों के लिए गोल्ड लोन पर लोन-टू-वैल्यू (LTV) को 75% से बढ़ाकर 90% तक कर दिया.
Domestic Debt: गैर-संस्थागत क्रेडिट एजेंसियों से कर्ज का हिस्सा 2018 में काफी कम होकर 34 फीसदी हो गया, जो साल 2012 में 44 फीसदी था.