भारत में आर्थिक गतिविधि अब धीरे-धीरे कोरोना महामारी से पहले वाले स्तर तक पहुंचने लगी हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए और तेजी की जरूरत है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टेट बैंक का इंडिया के अध्यक्ष दिनेश खारा ने बताया कि हमारा इन-हाउस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स महामारी से पहले के स्तर पर है. लेकिन बीते 2 सालों के नुकसान से बाहर आने के लिए, गतिविधि के स्तर को और अधिक बेहतर करना होगा. इस समय विकास की दर बहुत अधिक होनी चाहिए, विकास दर में तेजी से व्यवसायों में तेजी से सुधार होगा.
निजी निवेश को लेकर सकारात्मक उम्मीद
निजी पूंजी निवेश वास्तव में कई सालों से नहीं बढ़ा है इस सवाल के जवाब में दिनेश खारा ने कहा कि हाल ही में कुछ क्षेत्रों विशेष रूप से लोहा और एल्युमीनियम की रफ्तार वास्तव में काफी धीमी रही है जिससे बहुत सारी बाधाएं उत्पन्न हुई हैं. लेकिन हम नए निवेश के मामले में अब भी सकारात्मक हैं. मुझे उम्मीद है कि निर्माण क्षेत्र में तेजी से विकास होगा और इससे लोहा, इस्पात और सीमेंट आदि के क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी. चिप निर्माण को लेकर अभी हाल ही में भारत सरकार की पहल और अलग-अलग उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) की घोषणा की गई है, जो क्षमता निर्माण का भी समर्थन करेंगे.
पिछले 6 महीनों में हुई सकारात्मक बढ़ोतरी
स्टेट बैंक का इंडिया के अध्यक्ष ने कहा कि लोहा और इस्पात के मामले में हमारे पास कुछ निवेश ऑफर हैं और लोगों ने हमसे नए लोन के लिए भी संपर्क किया है. लोग ब्राउनफील्ड व्यवसाय (ऐसा व्यवसाय वो फिलहाल बंद है) का विस्तार करने पर भी विचार कर रहे हैं, जिसका अर्थ है कि मांग में स्पष्ट रूप से बढ़ोतरी हो रही है. जो क्षमता उपयोग के लिए भी अच्छा है. बीते छह महीनों से हम लोग इस तरह की सकारात्मक चीजें देख रहे हैं. उनके मुताबिक भारत सरकार और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाएं भी अपनी निवेश प्रक्रिया में हैं. सड़क क्षेत्र में लगातार बेहतर सुधार हो रहा है और हमें नए प्रस्ताव भी लगातार प्राप्त हो रहे हैं.