कृषि मंत्रालय के बयान के अनुसार प्याज का उत्पादन 2023-24 में लगभग 254.73 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह लगभग 302.08 लाख टन था
2023-24 में आलू का उत्पादन पिछले वर्ष के 60.14 मिलियन टन के मुकाबले करीब 58.99 मिलियन टन हो सकता है
उत्पादन घटने और सप्लाई सीमित रहने से मार्च की शुरुआत में रमज़ान के आसपास प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है.
पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ज्यादा बारिश के कारण जुलाई में टमाटर की महंगाई दर रिकॉर्ड 202% थी
इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि चालू रबी सीजन में प्याज की खेती में 10-15 फीसद की गिरावट आ सकती है.
खरीफ प्याज की आवक बढ़ने से मंडियों में प्याज के दाम में करीब 20 फीसद की गिरावट आई
सरकार ने पिछले साल के रबी सीजन में 5 लाख टन प्याज की खरीद की थी.
प्याज के निर्यात की नीति को 31 मार्च, 2024 तक मुक्त से प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है.
सरकार ने कहा कि बफर स्टॉक का इस्तेमाल खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए किया जाएगा
सरकार ने अगस्त में इसके निर्यात पर सख्ती करते हुए एक्सपोर्ट पर 40 फीसद टैक्स लगा दिया था.