कई लोग म्यूचुअल फंड या स्टॉक या FD के निवेश को उपलब्धि मानते हैं, लेकिन मौजूदा वक्त में इनके अलावा भी कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी है.
Health Insurance: बीमित राशि होने से चिकित्सा मुद्रास्फीति के किसी भी प्रभाव के बिना वित्तीय रूप से चिकित्सा जरूरतों को का ध्यान में रखा जाता है.
इंश्योरेंस एक्सपर्ट्स ने मोटे तौर पर सात कारणों को सूचीबद्ध किया है, जो लाइफ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किये जाने वाली प्रीमियम राशि को बढ़ा सकते हैं
टर्म इंश्योरेंस एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी है जो सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान दर पर कवरेज प्रदान करती है.
अगर किसी वरिष्ठ नागरिक पर उनके बच्चे निर्भर हैं या उन्होंने बैंक से लोन लिया हैं और वो उसको अपनी आय से चुका रहे हैं तो उनके लिए टर्म प्लान ठीक है.
स्वास्थ्य बीमा कंपनियां अब आपको पहले से मौजूद कुछ गम्भीर बीमारियां होने पर भी बीमा कवरेज से मना नहीं कर सकतीं हैं.
मार्केट में अलग-अलग तरह के कई टर्म इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स मौजूद है. यह क्या है, इसके क्या फायदे हैं और ये किसके लिए सही हैं, ये विस्तार से जानते हैं.
आयकर नियमो के तहत जीवन बीमा के प्रीमियम पर कुल 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट हैं. हालांकि, जीएसटी भुगतान पर टैक्स छूट पॉलिसी के अनुसार अलग-अलग है.
Emergency Fund: एक व्यक्ति को पर्याप्त इमरजेंसी फंड तैयार करने की जरूरत होती है. जिससे वह किसी भी खराब स्थिति से निपटने में सक्षम हो सके.
Life Insurance: टर्म इंश्योरेंस केवल रिस्क कवर उपलब्ध कराता है. मनी-बैक पॉलिसी में मैच्योरिटी बेनेफिट और बोनस प्राप्त होते हैं. ये महंगे होते हैं.