लाइफ इंश्योरेंस का उद्देश्य पॉलिसीधारक की अकाल मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पॉलिसी में स्पैसिफाइड नामित व्यक्ति को मोनेटरी रिलीफ प्रदान करना होता है. लाइफ इंश्योरेंस मूल रूप से बीमाधारक और बीमाकर्ता के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट होता है, जिसमें पॉलिसीधारक पूर्व-निर्धारित अंतराल पर बीमाकर्ता को एक निश्चित राशि (जिसे प्रीमियम कहा जाता है) का भुगतान करने के लिए बाध्य करता है.
बीमाकर्ता पॉलिसीधारक के जीवन में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के मामले में पॉलिसीधारक के परिवार को मुआवजा देने का वादा करता है. जबकि मुआवजे की राशि, या सम एश्योर्ड, पूर्व-निर्धारित और निश्चित होती है. एक ही सम एश्योर्ड के लिए प्रीमियम विभिन्न कारणों के आधार पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बदल सकता है.
इंश्योरेंस एक्सपर्ट्स ने मोटे तौर पर सात कारणों को सूचीबद्ध किया है, जो लाइफ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किये जाने वाली प्रीमियम राशि को बढ़ा सकते हैं.
टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पॉलिसीधारक की उम्र पर निर्भर करता है. यदि आप युवावस्था में इंश्योरेंस की खरीदारी कर रहे हैं, तो आप एक मध्यम आयु वर्ग या वृद्ध व्यक्ति की तुलना में कम प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा.
धूम्रपान करने से आपके जीवन का रिस्क काफी बढ़ जाता है. यहाँ तक की कई अध्ययनों ने कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों को धूम्रपान से जोड़ा है. इसीलिए हाई रिस्क के कारण इंश्योरेंस कंपनियां धूम्रपान करने वालों से ज्यादा प्रीमियम की डिमांड करती हैं.
इंश्योरेंस के मामले में एक बात निश्चित है कि बीमित राशि जितनी अधिक होगी, प्रीमियम उतना ही अधिक होगा.
महिलाओं की तुलना में पुरुष लाइफ इंश्योरेंस के लिए अधिक भुगतान करते हैं, क्योंकि औसतन, वे कम वर्षों तक जीवित रहते हैं. विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि महिलाएं पुरुषों से कुछ वर्षो तक ज्यादा जीवित रहती है.
कई इंश्योरेंस कंपनियां, ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए 30-40% के अंतर से ऑनलाइन कम प्रीमियम दरों की पेशकश कर रही हैं क्योंकि यह खरीद बिना किसी एजेंट के होती है. इससे एजेंट के कमीशन के साथ-साथ कागजी कार्रवाई की कुल लागत कम हो जाती है.
यदि आपके पास बार-बार क्लीनिक आने का रिकॉर्ड है या आप कि जीवनशैली अस्वस्थ बनी हुई है, तो ऐसे में संभावना है कि आपको अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा. पहले से मौजूद मेडिकल प्रॉब्लम के कारण ऐसे लोग हाई रिस्क पर माने जाते हैं और इसलिए उन्हें इसके लिए हाई प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
कुछ नौकरियां जैसे कि पायलट, मछुआरे, खान श्रमिकों, सैनिकों, जिनमें हाई रिस्क होता है, सभी संभावित रूप से काम करने वालों की तुलना में अधिक प्रीमियम का भुगतान करते हैं क्योंकि उसमें जीवन का रिस्क अधिक होता है.
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