जब हेल्थ इंश्योरेंस की बात आती है इसमें दो ऑप्शन उपलब्ध होते हैं. पहला व्यक्तिगत हेल्थ प्लान और दूसरा फैमिली फ्लोटर पॉलिसी.
प्रीमियम का फाइनल पेमेंट 254 रुपए से बढ़ गया. मतलब एक साल में कुल 3048 रुपए का एडिशनल खर्चा जो GST की वजह से बढ़ गया है.
बच्चों को शिक्षा प्रदान करने, बकाया ऋणों का भुगतान करने, परिवार को नियमित गारंटीकृत आय प्रदान करने जैसे कारणों के लिए टर्म प्लान खरीदना चाहिए
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कॉस्ट कम करने के लिए आपको कम उच्च स्वैच्छिक कटौती का विकल्प चुनना चाहिए. नो-क्लेम बोनस का फायदा उठाना नहीं भूलना चाहिए.
धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए बीमा कंपनियों ने अपने ग्राहकों को आगाह किया है. कई बार पुलिस भी ऐसे स्कैमर्स के खिलाफ अलर्ट करती रहती है.
बैंक या पोस्ट ऑफिस में कराई जाने वाली टैक्स सेविंग FD से आप निवेश के वक्त सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचा सकते हैं. यह निवेश का सुरक्षित विकल्प है.
बजाज आलियांस, ओरिएंटल इंश्योरेंस, HDFC अर्गो जैसी बड़ी बीमा कंपनियां और पॉलिसीबाजार, डिजिट, एको, टॉफी जैसे स्टार्टअप्स डेंगू के बीमा प्लान बेचते हैं.
IRDAI ने साफ तौर से कहा कि बाद में किसी भी कस्टमर डिस्क्रिपेंसी (विसंगति) के मामले में इंश्योरर पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे.
इससे डॉक्टरों को इलाज में आसानी होगी. साथ ही कई नई रिपोर्ट्स या प्रारंभिक जांच आदि में लगने वाला समय और खर्च बच जाएगा.
बीमा पॉलिसी समाप्त हो चुकी हैं तो भी बीमा कंपनी चूक छूट अवधि (lapse grace period) के दौरान एक स्टैंडर्ड नवीनीकरण पर विचार कर सकती है.