Home Loan:अगर आप पहली बार घर खरीदने के लिए होम लोन लेने जा रहे हैं तो आप सालाना अधिकतम 5 लाख रुपये तक के टैक्स बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं.
बैंको की सस्ती लोन के चलते खासकर छोटी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां चुनौतीयो का सामना कर रही है.
कम EMI का मतलब स्क्वायर फुटेज या लोकेशन से समझौता किए बिना घर खरीदने के लिए बड़ा कर्ज लेने में सक्षम होना भी है.
ब्रिज लोन के तहत दी जाने वाली रकम और ब्याज दर पूरी तरह से बॉरोअर की चुकौती क्षमता पर निर्भर करती है.
लोन की तादाद में 2.3 फीसदी यानि 62101 करोड़ रुपए का इजाफा दर्ज किया गया है. जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुलेटिन में प्रकाशित की हैं.
home loan की दरें अब ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर चल रही हैं. देश के करीब 20 बैंक और संस्थान 7 फीसदी से भी कम रेट पर लोन ऑफर कर रहे हैं.
फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने वाले ग्राहकों को प्रि-पेमेंट चार्ज चुकाना पडता है. यह चार्ज आपकी बकाया लोन का कुछ प्रतिशत हो सकता है.
होम लोन लेने वालों को हमेशा लोन लेने के पहले 5 सालों में प्रीपेमेंट करने की सलाह दी जाती है यह कुल ब्याज की रकम को काफी कम कर देता है.
EMI-फ्री लोन में मासिक ईएमआई का दबाव नहीं रहता है और अपनी सहूलियत के हिसाब से कम या ज्यादा रकम देकर लोन चुकाया जा सकता है.
बड़े तौर पर महिलाएं एक नए होममेकिंग रोल में आती हुई दिखाई दे रही हैं. ये महिलाएं अब ज्यादा घर खरीद रही हैं और बड़े घर खरीद रही हैं.