Loan against property: लोन लेने से पहले अलग अलग लेंडर्स द्वारा दी जाने वाली दरों की तुलना कर लें. इन लोन में हाइअर टेन्योर शामिल होते हैं.
आपकी पत्नी हाउसवाइफ है और उसके नाम पर प्रोपर्टी रजिस्टर करवाते है तो उसे बेनामी ट्रांजेक्शन माना जा सकता है, इसलिए बेहतर है कि को-ओनरशिप रखें.
Home Loan: वित्तीय अनुशासन बहुत जरूरी होता है. एक खर्च के लिए व्यवहारिक बजट तैयार करें. यहीं से कर्ज चुकाने की शुरुआत होती है
Property: ई-धरती जियो (e-Dharti Geo Portal) नामक पोर्टल पर 60 हजार संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग का काम तेजी से चल रहा है.
Home loan: होम लोन के बिना अपना घर खरीदना जरा मुश्किल दिखता है. बैंक आपके लोन की एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दे तो इस रकम को जुटाने के तरीके और भी हैं
होम लोन इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस के जैसे सुरक्षा देता है. इस इंश्योरेंस के तहत लोन री-पेमेंट की अवधि तक कवर किया जा सकता है.
FOIR से पता चलता है कि आपकी पहले से जा रही ईएमआई, घर का किराया, बीमा पॉलिसी और अन्य भुगतान मौजूदा आय का कितना फीसदी है.
Joint Home Loan के मामले में दोनों आवेदकों को एक ही संपत्ति पर अलग-अलग कर लाभ मिलते हैं.
Home Loan: फिक्स्ड रेट के बारे में बैंक रेपो रेट को ध्यान में रखते हैं. फ्लोटिंग रेट में रेपो रेट बदलने पर वे अपना मार्जिन समान बनाए रखते हैं.
Home Loan: कम से कम अगली तिमाही तक होम लोन दरों में कोई परिवर्तन नहीं होने वाला. अभी रेपो रेट 4 फीसदी जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है.