फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने वाले ग्राहकों को प्रि-पेमेंट चार्ज चुकाना पडता है. यह चार्ज आपकी बकाया लोन का कुछ प्रतिशत हो सकता है.
होम लोन लेने वालों को हमेशा लोन लेने के पहले 5 सालों में प्रीपेमेंट करने की सलाह दी जाती है यह कुल ब्याज की रकम को काफी कम कर देता है.
EMI-फ्री लोन में मासिक ईएमआई का दबाव नहीं रहता है और अपनी सहूलियत के हिसाब से कम या ज्यादा रकम देकर लोन चुकाया जा सकता है.
बड़े तौर पर महिलाएं एक नए होममेकिंग रोल में आती हुई दिखाई दे रही हैं. ये महिलाएं अब ज्यादा घर खरीद रही हैं और बड़े घर खरीद रही हैं.
महिलाओं को न केवल कम रेट पर लोन मिलता है, बल्कि महिलाओं को इसमें टैक्स लायबिलिटी कम करने में भी मदद मिलती है.
Home Loan: होम लोन या कोई दूसरा कर्ज देने से पहले, वित्तीय संस्थान आवेदक की आय के साथ ही रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट की भी जांच करते हैं.
Home Ownership: प्रोपर्टी की कीमतों में कमी, बढ़ती आय (धीरे-धीरे) और भारत में अब तक देखी गई सबसे कम ब्याज दरों ने इसे खरीदने का अच्छा समय बना दिया है.
Home Loan: बैंक अगर क्रेडिट रेटिंग की लोन देने से मना करें, तो क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से डिटेल रिपोर्ट लें. डिटेल रिपोर्ट का पूरा अध्ययन करें.
लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस (L&DO) ने एक ऐसा पोर्टल तैयार किया है, जिस पर प्रॉपर्टी के मालिक और लोकेशन आदि जानकारियां उपलब्ध रहेंगी.
लोन मौजूदा बैंक से किसी दूसरे बैंक में शिफ्ट करने से पहले सभी बैंकों की ब्याज दरों का एक तुलनात्मक अध्ययन कर लें