बीओबी के नए डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए महज आधे घंटे में होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन अप्रूव हो जाएगा.
Home Loan vs Mortgage Loan: दोनों मुख्य रूप से प्रॉपर्टी से जुड़े खर्चों के लिए मिलते हैं. ये कोलैटरल के बदले मिलने वाले सिक्योर्ड लोन हैं
हम में से ज्यादातर लोगों के लिए प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट एक बड़ी बात है. अधिकांश भारतीयों के लिए यह सबसे महंगी खरीदारी है.
NBFC द्वारा लिए लोन की ब्याज दर, बैंकों से कहीं ज्यादा होती है. आपने क्रेडिट स्कोर में सुधार किया है, तो आपको होम लोन को बैंक में ट्रांसफर करना चाहिए.
home loan: बताया जा रहा है कि वर्ष 2004 के बाद से यह पहला मौका है जब 6 से 7 प्रतिशत की दर पर बैंक होम लोन दे रहे हैं.
होम लोन लेने वालों की संख्या में भी 26% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मैजिकब्रिक्स होम लोन्स कंज्यूमर स्टडी के आधार पर ये जानकारी मिली है.
पिछले कई सालों से हाउसिंग मार्केट में मंदी छाई है. अभी होम लोन की ब्याज दरें कम हैं इसके बावजूद मीडिल क्लास के खरीदारों को होम लोन लेना महंगा लगता है.
Home Loan: होम लोन का टेन्योर 25 साल तक का हो सकता है. यहां तक कि मामूली आधा प्रतिशत का अंतर भी लेंडर को चुकाए गई रकम में राहत देने के लिए काफी होगा.
यदि आप किसी भी तरह की वित्तीय आपात स्थिति जैसे कि अचानक अस्पताल में भर्ती होना, नौकरी छूटना का सामना करते हैं तो यह फंड आपके काम आएगा.
Home loan EMI: अगर आपको कहीं से अतिरिक्त आमदनी होती है तो उस रकम का इस्तेमाल लोन के प्रीपेमेंट के लिए किया जा सकता है.