म्यूच्युअल फंड में अल्फा सिम्पली ये दर्शाता है की फंड ने बेंचमार्क इंडेक्स से कितना ज्यादा या कम रिटर्न दिया है. Beta फंड की वोलेटालिटी को दर्शाता है.
ग्रोथ का विकल्प वैसे निवेशकों के लिए सही है, जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं.
सेक्टोरल फंड का मतलब ऐसे फंडों से है, जो ऐसे शेयरों में निवेश करते हैं, जो विशेष उद्योग समूह या सेक्टर (जैसे फार्मा, बैंकिंग) के भाग होते हैं.
वित्तीय सलाहकार कंपनी फिनडोक समूह के सर्वे के मुताबिक, करीब 72 फीसदी लोगों ने महामारी की पहली लहर के दौरान निवेश के लिए म्यूचुअल फंड का विकल्प चुना.
ऐसे निवेशक जो शेयर बाजार जैसा रिटर्न तो चाहते हैं, लेकिन सीधे निवेश से घबराते हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है.
किसी भी व्यक्ति का SIP चुनने से पहले यह देखना चाहिए कि वो किस वित्तीय गोल को पूरा करने के लिए निवेश करना चाहते हैं.
माइक्रो SIP इंडिविजुअल्स, NRI, माइनर भी खोल सकते हैं. माइक्रो SIP के लिए HUF या दूसरी कैटिगरी के इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को छूट नहीं है.
PPF Vs Mutual Fund: म्यूचुअल फंड्स में रिस्क ज्यादा है तो रिटर्न भी ज्यादा है, जबकि PPF में सेफ्टी ज्यादा लेकिन रिटर्न कम है.
म्यूचुअल फंड में निवेश से किसी को दो प्रकार की इनकम होती है. पहली है डिविडेंड और दूसरी है कैपिटल गेंस/लॉस. दोनों मामलों में टैक्स अलग तरह से लगता है.
बाजार में सभी ही कंपनियों की कोशिश तो यही रहता है कि आपको बढ़िया रिटर्न दे लेकिन हर फंड का अपना के स्ट्रकचर होता है.