PPF Vs Mutual Fund: वैसे तो म्यूचुअल फंड्स और Public Provident Fund की कोई तुलना नहीं है. दोनों ही अलग तरह के निवेश के विकल्प हैं. म्यूचुअल फंड्स में रिस्क ज्यादा है तो रिटर्न भी ज्यादा है, जबकि PPF में सेफ्टी ज्यादा लेकिन रिटर्न कम है. दोनों ही निवेश के दो बिल्कुल अलग इंस्ट्रूमेंट्स हैं.
PPF, MF में कौन है बेहतर?
फिर भी अगर आपको चुनना हो कि लंबी अवधि में करोड़पति बनने के लिए कौन बेस्ट है तो आप क्या करेंगे. हालांकि इसका सीधा सीधा जवाब देना संभव नहीं है, क्योंकि दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं. जहां म्यूचुअल फंड्स में पैसा कभी भी डाल और निकाल सकते हैं, सिवाय ELSS फंड्स के, जिसमें लॉक इन पीरियड 3 साल का होता है. जबकि PPF में आपका पैसा 15 साल के लिए लॉक हो जाता है.
बाजार में कई निवेशक हैं जो अपने रुपये पैसों पर जरा भी रिस्क लेने का तैयार नहीं होते हैं. उनके लिए पीपीएफ बेहतर विकल्प है. क्योंकि सरकारी स्कीम होने के नाते यहां आपके पैसों पर सुरक्षा मिलती है. लेकिन यहां रिटर्न पहले से तय होता है. तय ब्याज से ज्यादा रिटर्न आपको योजना की मेच्योरिटी तक नहीं मिलेगा. मसलन अभी पीपीएफ पर सालाना ब्याज 7.1 फीसदी है. अगर आगे यह दरें जारी रहती हैं तो इसी दर के आधार पर ही आपका पैसा बढ़ेगा.
कहां जल्दी बनेंगे करोड़पति
पीपीएफ में मंथली अधिकतम 12500 रुपये जमा किया जा सकता है जो 1.5 लाख सालाना है. हमने इसी आधापर पर पीपीएफ और म्यूचुअल फंड में कैलकुलेशन किया है. पीपीएफ पर सालाना ब्याज अभी 7.1 फीसदी है, वहीं म्यूचुअल फंड की बात करें तो पिछले 15 साल में ऐसी कई स्कीम हैं, जिनमें एसआईपी का औसत रिटर्न 12 से 15 फीसदी सालाना रहा है. यहां हमने म्यूचुअल फंड में औसत रिटर्न 10 फीसदी सालाना रखा है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
अधिकतम मंथली जमा: 12,500 रुपये अधिकतम सालाना जमा: 1,50,000 रुपये नई ब्याज दरें: 7.1 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग 25 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 1.03 करोड़ रुपये कुल निवेश: 37,50,000
25 साल में ब्याज का फायदा: 65.58 लाख रुपये
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
अधिकतम मंथली एसआईपी: 12,500 रुपये अधिकतम सालाना जमा: 1,50,000 रुपये अनुमानित ब्याज दरें: 10 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग 21 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 1.07 करोड़ रुपये कुल निवेश: 31,50,000
रिटर्न के हिसाब से म्यूचुअल फंड्स हमेशा ही PPF पर भारी पड़ता है, लेकिन रिस्क के मामले में PPF ज्यादा सुरक्षित है, आपको एक निश्चित रिटर्न मिलता है जिसकी गारंटी भारत सरकार लेती है, लेकिन म्यूचुअल फंड्स मार्केट के उतार चढ़ाव पर निर्भर करता है, इसके रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है. हालांकि म्यूचुअल फंड्स में कई फंड्स ऐसे होते हैं जो कम रिस्की भी होते है, लेकिन उनका रिटर्न कम होता है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।