Motor Insurance Cost: मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक, ये अनिवार्य है कि हर वाहन मालिक को अपने वाहन के लिए मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदना होगा.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के सहयोग से सभी राज्यों में यह नियम लागू करेगा.
बीमा पॉलिसी समाप्त हो चुकी हैं तो भी बीमा कंपनी चूक छूट अवधि (lapse grace period) के दौरान एक स्टैंडर्ड नवीनीकरण पर विचार कर सकती है.
Car Insurance: पॉलिसी अवधि के दौरान नई एक्सेसरीज़ या अपनी कार को मॉडिफाई किया है तो इंश्योरेंस रिन्यूअल कराने से पहले बीमाकर्ता को सूचित करना होता है.
इसमें इलाज/ दुर्घटनाओं के लिए पशु चिकित्सा बिल को कवर करने से लेकर नुकसान या चोरी और पालतू जानवरों की मौत तक सब कुछ कवर किया जाता है.
स्वैच्छिक कटौती एक निश्चित राशि है, जिसका भुगतान पॉलिसीधारक कार बीमा खरीदते समय अपनी जेब से करता हैं.
ब्रेक-इन पीरियड, कार बीमा न होने के बराबर ही है. इस दौरान कोई भी नुकसान होने पर कवर प्रदान नहीं किया जाता.
यह पता लगा लेना बहुत जरूरी है कि हम जिस कंपनी से बीमा करवा रहे हैं, उसका नेटवर्क हमारे शहर या आसपास कितना मजबूत है
कार इंश्योरेंस प्रीमियम कार की कीमत, उसकी मरम्मत पर आने वाले खर्च, सेफ्टी रिकॉर्ड और चोरी की आशंकाओं को देखते हुए तय किया जाता है.
इस स्कीम के तहत एक ग्राहक ये पहले से ही तय कर लेता है कि उसकी कार साल में कितने किलोमीटर चलेगी. उसके हिसाब से ही प्रीमियम तय हो जाता है.