एडिशनल एक्सपेंडिचर बढ़ाने पर आम सहमति केवल हेल्थ जैसे कुछ क्षेत्रों में ही है. लेकिन ये रेवेन्यू एक्सपेंडिचर होंगे
FY22 के लेवल से FY 23 के लिए सरकार के एक्सपेंडिचर बजट (Expenditure Budget) में कोई उल्लेखनीय बढ़ोतरी नहीं होगी. एक्सपेंडिचर बजट (Expenditure Budget) एक वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार के कुल व्यय के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करता है. एडिशनल एक्सपेंडिचर बढ़ाने पर आम सहमति केवल हेल्थ जैसे कुछ क्षेत्रों में ही है. लेकिन ये रेवेन्यू एक्सपेंडिचर होंगे.
वहीं फाइनेंस मिनिस्ट्री भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के कर्ज को स्पष्ट सरकारी देनदारियों के रूप में दिखाना चाहती है जैसा की फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के लिए किया गया था. NHAI पर वर्तमान में 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है. बिजनेस स्टैंडर्ड ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है.
राजकोषीय घाटा लगभग 6.8% रह सकता है
FY 23 के लिए केंद्र सरकार के बजट का राजकोषीय घाटा लगभग 6.8 प्रतिशत रह सकता है. FY22 के लिए भी यही अपेक्षित था. ये उसी के समान है. गवर्नमेंट फाइनेंस पर कोविड के प्रभाव के कारण, वित्त मंत्रालय ने FY21 के लिए मीडियम टर्म फिस्कल पाथ की घोषणा नहीं की थी. वह इस बार भी यही घोषणा कर सकती है. FY22 के लिए, फाइनल स्पेंडिंग के नंबर अनुमानित 34.8 ट्रिलियन से बढ़ने की संभावना नहीं है. कुल सरकारी खर्च का कंजर्वेटिव एस्टिमेट वित्त मंत्रालय और संबंधित मंत्रालयों के बीच मीटिंग के बाद दिया जाता है.
बजट से पहले मीटिंग्स की सीरीज
संसद में बजट पेश होने से ठीक पहले, वित्त मंत्रालय केंद्र सरकार के हर विभाग के साथ इन बैठकों की श्रृंखला आयोजित करता है. यह मापने के लिए है कि चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटित धन का कितना उपयोग किया जाएगा. ये रिवाइज्ड एक्सपेंडिचर मीटिंग्स सरकार में टॉप डिसिजन मेकर्स की काफी मदद करती है. FY22 के लिए रिवाइज्ड एक्सपेंडिचर मीटिंग्स से पता चलता है कि कुछ की (Key) स्पेंडर्स FY22 में उन्हें आवंटित धन खर्च नहीं कर पाएंगे.
सभी मंत्रालयों का कुल खर्च बजट अनुमान का 46.7%
वर्ष की पहली छमाही के लिए कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट के डेटा से पता चलता है कि सभी मंत्रालयों का कुल खर्च बजट अनुमान का 46.7 प्रतिशत है. पिछले साल की समान अवधि में यह लगभग 49 फीसदी था. कोविड (FY20) से पहले पिछले सामान्य वर्ष में, पहली छमाही में खर्च 53.4 प्रतिशत था. म्यूटेड स्पेंडिंग के कई कारण हैं. उनमें से एक कारण वर्ष की पहली तिमाही में दूसरी लहर के प्रभाव के कारण वाशआउट होना है.
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