आदित्य बिड़ला सन लाइफ ने 7 फंड्स की मैच्योरिटी आगे बढ़ाई, निवेशकों के लिए क्या हैं इसके मायने?

Fixed Maturity Plans: फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान में आप एक लॉक-इन निवेश करते हैं. मतलब ये कि इस लॉक-इन के दौरान आप इस रकम को निकाल नहीं सकते.

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आदित्य बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड ने अपनी 7 फिक्स्ड इनकम मैच्योरिटी प्लान (Fixed Maturity Plans) को रोल-ओवर किया है. यानी इस साल मैच्योर हो रही इन स्कीमों की मैच्योरिटी अवधि आगे बढ़ा दी है. ये 7 FMPs इसी महीने मैच्योर हो रही थीं. फंड हाउस ने अब इनकी मैच्योरिटी को 18 से 24 महीने आगे बढ़ा दी है. फंड हाउस ने कहा है कि जो निवेशक इन स्कीम को आगे जारी नहीं रखना चाहते उन्हें 20 अप्रैल तक रिडेंप्शन करने की सुविधा होगी – निवेशक इस तारीख तक अपना पैसा निकाल सकते हैं. फंड हाउस ने लोगों  से बेहतर रिटर्न के लिए निवेश आगे बनाए रखने की सलाह दी है.

फंड हाउस ने कहा है कि जो निवेशक तय समय में कंसेंट फॉर्म भरकर नहीं देते उनकी स्कीमों की मैच्योरिटी आगे नहीं बढ़ाई जाएगी और पहले की तय मैच्योरिटी तारीख पर उनका निवेश रिडीम हो जाएगा और जो भी नेट ऐसेट वैल्यू होगी उसी आधार पर मैच्योरिटी रकम दे दी जाएगी.

Fixed Maturity Plans: किन स्कीमों की मैच्योरिटी आगे बढ़ाई?

आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने जिन स्कीमों की मैच्योरिटी बढ़ाई है वे सभी साल 2018 में जनवरी से मार्च के बीच लॉन्च हुई थीं.  इन स्कीमों की नई मैच्योरिटी तारीख ये हैं –

मैच्योरिटी क्यों बढ़ी आगे?

फंड हाउस का कहना है कि यील्ड घटने की वजह से इन 7 स्कीमों (Fixed Maturity Plans)की मैच्योरिटी बढ़ाई गई है. इंडेक्सेशन बेनिफिट के अधिकतम फायदे के लिए निवेशक बढ़ी हुई मैच्योरिटी का चुनाव कर सकते हैं. बॉन्ड मार्केट में तेजी, रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में कटौती और अकोमोडेटिव रुख से ब्याज दरें निचले स्तरों पर हैं. इसलिए मैच्योरिटी में रिवीजन से इन स्कीमों के निवेशक बढ़ी मैच्योरिटी की वजह से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का फायदा उठा सकेंगे.

आपको बता दें कि डेट निवेश विकल्पों में लंबी अवधि के निवेश पर इंडेक्सेशन का फायदा मिलता है. डेट विकल्पों में 3 साल से ज्यादा निवेश रखने पर इंडेक्सेशन का फायदा मिलता है. यानी कैपिटल गेन (मुनाफे) में से महंगाई दर घटाई जाती है और उतनी रकम पर ही टैक्स देनदारी होती है.

क्या होते हैं FMP?

Fixed Maturity Plans: फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान में आप एक लॉक-इन निवेश करते हैं. मतलब ये कि इस लॉक-इन के दौरान आप इस रकम को निकाल नहीं सकते. सिर्फ मैच्योरिटी की तारीख पर ही इन्हें निकालने की सुविधा होती है. ये स्कीमें शुरुआत में ही निवेश विकल्प खरीद लेती हैं इसलिए लॉन्च के वक्त बताए गए रिटर्न हासिल करने की संभावना रहती है.

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Published - April 8, 2021, 02:20 IST