भविष्य सुरक्षित रखना है तो बचत जरूरी है. लेकिन, अगर बचत पर मुनासिब रिटर्न न मिले तो क्या करें? छोटे निवेशकों के लिए यह दोहरी मार पड़ने जैसा है. बढ़ती महंगाई और फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed deposit) पर घटती ब्याज दर से निवेशक स्मॉल सेविंग्स से दूर हो रहे हैं. महंगाई दर 7 फीसदी के करीब है, जबकि बैंक डिपॉजिट पर ब्याज सिर्फ 5.5 फीसदी का मिल रहा है. फिक्स्ड डिपॉडिट पर मिलने वाला रिटर्न भी करीब 1.4 फीसदी कम है.
सेविंग्स (Best Saving Plan) पर घटते रिटर्न को देखते हुए छोटे निवेशक हैरान हैं कि अब बचत करें या फिर अपने पैसे को खर्च करें. ऐसी स्थिति में सवाल उठता है कि अपने पैसे को कहां रखें? हम आपको बता रहे हैं कि घटती ब्याज दरों के बीच कहां पैसे से पैसा बनाया जा सकता है.
होम लोन (Home loan) अगर आप घर खरीदने की चाहत रखते हैं लेकिन होम लोन की ज्यादा ब्याज दरों से पीछे हटते हैं तो यह सही वक्त है. अब आपको अपने बजट को बहुत ज्यादा बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि, कोरोना वायरस महामारी के चलते रियल एस्टेट सेक्टर में भी बड़ा करेक्शन देखने को मिला है. इकोनॉमी (Economy) में स्लोडाउन की वजह से होम लोन पर इंट्रस्ट रेट भी कम है. ऐसे में आप अपना पैसा रियल एस्टेट सेक्टर में डाल सकते हैं.
डेट फंड्स (Debt funds) फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed deposit interest rates) कम रिटर्न दे रहे हैं तो आप शॉर्ट टर्म डेट फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले साल का रिटर्न पिछले साल जितना ज्यादा नहीं हो सकता है. पिछले साल के दौरान शॉर्ट टर्म डेट फंड्स ने करीब 10% रिटर्न दिया. बंगलुरु की फाइनेंशियल प्लानिंग फर्म इंटरनेशनल मनी मैटर्स के फाउंडर और CEO लोवई नवलखी के मुताबिक, अभी फोकस ग्रोथ पर है. डेट फंड उतना नहीं दे सकते जितना पिछले साल था. छोटी अवधि के लिए FD पर ब्याज दर महंगाई से कम हैं. लेकिन, ब्याज दर और मुद्रास्फीति का अंतर लंबी अवधि के लिए नहीं रहेगा.
सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawals) अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और रेगुलर इनकम की चाहत रखते हैं तो आपको सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawal Plan) शुरू करने पर विचार कर सकते हैं. टैक्स भुगतान के वक्त भी इसमें फायदा मिलता है. टैक्स का भुगतान सिर्फ होने वाले मुनाफे पर होता है. विड्रॉ की गई पूरी राशि पर नहीं.
उदाहरण में समझिए: मान लीजिए आपने 10 लाख रुपए का निवेश एफडी में किया है, जहां 5 फीसदी का रिटर्न मिलता है. मान लेते हैं कि आप टैक्स की सबसे ऊंचे ब्रैकेट में आते हैं. आपको 50000 रुपए के ब्याज पर करीब 15 हजार रुपए का टैक्स चुकाना होगा. लेकिन, अगर आप Fixed Deposit के मुकाबले सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान में निवेश करते हैं तो टैक्स भुगतान काफी कम होगा. मान लें रिटर्न बराबर है और आप हर साल डेट फंड से 50,000 रुपए निकालते हैं तो आपको कैपिटल गेन वाले हिस्से पर टैक्स देना होगा जो कि 2,500 रुपए (50000-52,500 रुपए) होगा. टैक्स की राशि केवल 750 रुपए होगी.
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना फिक्स्ड इनकम लवर्स LIC की प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में निवेश करने पर भी विचार कर सकते हैं. योजना में 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को तत्काल पेंशन मिलती है. हर साल की शुरुआत में सरकार ब्याज दरों की समीक्षा करती है. फिलहाल, हर महीने सालाना दर 7.40 फीसदी के हिसाब से रिटर्न मिलता है.
लक्ष्य आधारित निवेश (Goal based Investing) एक्सपर्ट्स मानते हैं कि हमेशा अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखकर निवेश करना चाहिए. पीकअल्फा इन्वेस्टमेंट्स की डायरेक्टर प्रिया सुंदर के मुताबिक, निवेश करने के फैसले से पहले आपको निवेश और लक्ष्य की अवधि का मिलान जरूर करना चाहिए. अपनी इनकम और टैक्स ब्रैकेट को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना चाहिए कि कौन सा कॉम्बिनेशन ज्यादा बेहतर काम करेगा.
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