मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने बुधवार को यस बैंक (Yes Bank) के पूर्व MD और CEO राणा कपूर (Rana Kapoor) के बैंक खातों और शेयर, म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स को डीफ्रीज (खातों को एक्सेस करने पर लगी रोक हटाने) का आदेश दिया है.
राणा कपूर फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें मार्च 2020 में अरेस्ट किया गया था. उन पर यस बैंक में फ्रॉड करने का आरोप है.
मार्च में मार्केट रेगुलेटर SEBI ने राणा कपूर के बैंक खातों, शेयर और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स को अटैच कर दिया था ताकि 1 करोड़ रुपये के बकाया की वसूली की जा सके.
राणा कपूर के उन पर लगाए गए जुर्माने को चुकाने में नाकाम रहने के बाद सेबी ने ये कदम उठाया था.
सितंबर 2020 में सेबी ने कपूर पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. ये जुर्माना मॉर्गन क्रेडिट के साथ उनके किए गए एक ट्रांजैक्शन का खुलासा नहीं करने के चलते लगाया गया था. मॉर्गन क्रेडिट यस बैंक की एक अनलिस्टेड प्रमोटर इकाई थी.
सेबी ने अपने आदेश में कहा था कि यस बैंक के बोर्ड को इस सौदे की जानकारी नहीं देने के चलते कपूर ने शेयरहोल्डर्स और अपने बीच पारदर्शिता को खत्म किया और इस तरह से LODR (लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिसक्लोजर रिक्वायरमेंट्स ) रेगुलेशन के प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
सेबी का राणा कपूर के खातों और शेयर्स और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स पर लगी रोक हटाने का आदेश ऐसे वक्त पर आया है जबकि 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सैट (सिक्योरिटीज अपीलेट ट्राइब्यूनल) के उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें कपूर पर 1 करोड़ रुपये की पेनाल्टी को जारी रखा गया था. ये स्टे कपूर के 50 लाख रुपये के भुगतान की शर्त पर आधारित था.
सेबी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के पालन में राणा कपूर ने इस रकम को जमा करा दिया है.
इसके मद्देनजर सेबी ने बुधवार को देश के सभी बैंकों और डिपॉजिटरीज (NSDL और CDSL) से कहा था कि वे “डिफॉल्टर (कपूर) के अटैच किए गए बैंक खातों/लॉकर, डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड फोलियोज को रिलीज कर दें.”
फरवरी में सेबी ने कपूर को एक डिमांड नोटिस जारी किया था, हालांकि उन्होंने कोई बकाया रकम नहीं चुकाई.
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