MF: 40 वर्षीय निधि गुप्ता पांच से ज्यादा म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करती हैं. कुछ साल पहले उन्होंने अपनी नौकरी बदल दी, लेकिन अपने पुराने सैलरी अकाउंट को केवल इसलिए जारी रखा क्योंकि वह सभी पांच अलग-अलग म्यूचुअल फंड (MF) स्कीम्स के लिए बैंक खातों को बदलने का झंझट नहीं चाहती थीं. उन्होंने कहा, “पांच अलग-अलग स्कीम्स के लिए बैंक खातों को बदलने के बजाय, मुझे पुराने बैंक खाते को जारी रखना ठीक लगा, भले ही इसके लिए मुझे प्रति माह 10,000 रुपये का मिनिमम बैंक बैलेंस रखना पड़ता है.” निधि जैसे कई लोग हैं जिन्हें नौकरी और अन्य व्यस्त कार्यक्रमों की वजह से कागजी कार्रवाई करना काफी मुश्किल लगता है. इसे समझते हुए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 21 जुलाई, 2021 को एक सर्कुलर जारी किया
सर्कुलर में रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंटों (RTA) को संयुक्त रूप से म्यूचुअल फंड ग्राहकों की सेवा के लिए एक कॉमन प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए कहा गया. नया प्लेटफॉर्म संयुक्त रूप से दो RTA – KFintech और CAMS द्वारा बनाया जाएगा.
KFintech के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीकांत नडेला ने कहा, “निवेशकों को निवेश और सर्विसिंग में आसानी हो, इसके लिए एक ही प्लेटफॉर्म पर सारी अहम सुविधाएं प्रदान की जाएगी.
यह रियल टाइम पर समस्याओं का समाधान करेगा. हमें भरोसा है कि यह भविष्य में नवाचार को बढ़ावा देगा.”
इसका मतलब यह है कि जब कॉमन प्लेटफॉर्म तैयार हो जाएगा तो निधि एक बार में अपने सभी स्कीम्स के लिए बैंक अकाउंट बदल सकेंगी. इसके अलावा, वह अपने घर में आराम से बैठकर डिटेल्स भी बदल पाएंगी.
SEBI के इस पहल का स्वागत किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे निवेशकों को कई तरह की परेशानियों से निजात मिलेगी. इसी तरह का एक प्लेटफॉर्म MF यूटिलिटी पहले से मौजूद है.
इसकी वजह से कई लोग उन्हीं सेवाओं के लिए एक अन्य प्लेटफॉर्म तैयार किए जाने के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं.
MF यूटिलिटी (MFU) म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के अंतर्गत म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री द्वारा की गई एक पहल है, जिसमें भाग लेने वाली म्यूचुअल फंड कंपनियों का समान मालिकाना हक है.
एक कॉमन अकाउंट नंबर (CAN) के ज़रिए कोई भी ग्राहक एक ही फॉर्म या भुगतान पद्धति का उपयोग करते हुए म्यूचुअल फंड स्कीम्स में लेनदेन कर सकता है.
इस प्लेटफॉर्म का वर्तमान में हर दिन करीब 10,000 करोड़ रुपये से 15,000 करोड़ रुपये का कारोबार है. इस कुल राशि में से 30% रिटेल इन्वेस्टर्स से आता है.
हालांकि, एक स्वतंत्र निदेशक और MF यूटिलिटी के पूर्व एमडी और सीईओ और Amfi के पूर्व डिप्टी सीईओ वी रमेश इससे असहमत हैं. उनका कहना है, “सच यह है कि MFU को सात साल पहले ठीक उसी इरादे से बनाया गया था.
यह सुविधा पहले से मौजूद है और AMC खुद इसके मालिक हैं. पहले जो प्रस्ताव में दिया गया था, उसे पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए और इसके बाद अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए.”
MFU बनाने का प्रस्ताव मई 2012 में SEBI को इंडस्ट्री की एक पहल के तौर पर प्रस्तुत किया गया था, जिसे जून 2012 में मंजूरी दी गई.
जनवरी 2015 में, MFU प्रणाली को Amfi द्वारा लांच किया गया. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है इससे निवेशकों को लाभ होगा क्योंकि इसमें कई सबमिशन की जरूरत नहीं होगी और डेटाबेस की समानता प्रक्रिया को तेज करेगी.
क्वांटम म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ जिमी पटेल कहते हैं, “प्रक्रिया को मानकीकृत करने के लिए एक कॉमन प्लेटफॉर्म की जरूरत है. लेकिन सवाल यह है कि क्या हमें एक और प्लेटफॉर्म की जरूरत है? यह बहस का विषय है.”
कई अहम सवालों में से एक सवाल यह है कि क्या नए प्लेटफॉर्म से ग्राहकों की लागत बढ़ेगी? पटेल कहते हैं, “हर प्लेटफॉर्म की एक कीमत होती है. एक AMC के रूप में प्रतिस्पर्धी होने के लिए, आपको उन सभी प्लेटफार्मों पर उपस्थित होना होगा.
अगर वॉल्यूम में पर्याप्त बढ़ोतरी होती है, तो ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्लेटफॉर्म अपने मार्जिन की वसूली के लिए लागत में वृद्धि कर देंगे.”
नडेला कहते हैं, “असमान प्रक्रियाओं का मानकीकरण प्लेटफॉर्म बनाने का प्रारंभिक बिंदु था. टीम इसे मानकीकृत करने के लिए AMC के साथ काम कर रही थी. अलग-अलग संगठनों द्वारा अलग-अलग जोखिम प्रबंधन तरीकों को अपनाने के कारण इसमें मामूली अंतर हो सकता है.”
लागत के मुद्दे पर बात करते हुए नडेला कहते हैं: ” MFCentral के डिजिटल रियल एस्टेट के प्रभावी उपयोग के ज़रिए रजिस्ट्रार द्वारा प्लेटफॉर्म को बनाए रखा जाएगा.” CAMS ने स्टोरी लिखे जाने तक Money9 द्वारा भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री जून 2021 तक 34.10 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ लगातार आगे बढ़ रही है. ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई प्लेटफार्मों द्वारा निर्बाध डिजिटल सेवाएं इस बढ़ते उद्योग की आवश्यकता होगी.
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक म्यूचुअल फंड हाउस के सीईओ कहते हैं, “मुझे नहीं लगता कि यह मौजूदा लेनदेन प्लेटफॉर्म को बदलने जा रहा है.
पहले से ही हमारे पास NSE और BSE दोनों एक साथ काम कर रहे हैं. यह केवल निवेशक को ज्यादा विकल्प देगा और MFU को भी इससे फायदा होगा.”
SEBI के निर्देश के अनुसार नए प्लेटफॉर्म को चरणबद्ध तरीके 31 दिसंबर 2021 तक चालू किया जाएगा. हमारा मानना है कि आने वाले वर्षों में निवेशकों के लिए बेहतर और रियल-टाइम सर्विसिंग से प्रक्रिया आसान होगी.
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