IPO: कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में शेयर मार्केट में एक अलग माहौल बना हुआ है. एक के बाद एक कंपनियों के IPO लॉन्च हो रहे हैं. मोटे पैसों में बात हो रही है. टेक कंपनियों से लेकर कई केमिकल उप्तादन वाली फर्में, रेस्टोरेंट चेन इस साल पब्लिक ऑफर ला चुकी हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह साल IPO के जरिए फंड जुटाने के मामले में सबसे बड़ा रहने वाला है. मगर क्यों हो रहा है ऐसा? इसके पीछे हैं दो मुख्य कारण हैं. एक, शेयर मार्केट में बनी तेजी. दूसरा, नए और युवा निवेशकों की बाजार में बढ़ती दिलचस्पी.
कोरोना की जकड़ में बीते वित्त वर्ष 2021 में BSE का सेंसेक्स 68 प्रतिशत से अधिक उछला. वहीं, NSE के निफ्टी 50 में करीब 71 फीसदी बढ़त रही.
इस बीच IPO की संख्या के मामले में साल 2020 में हम दुनिया में नौवें स्थान पर रहे. 43 IPO के जरिए 4.09 अरब डॉलर जुटाए गए. 20 से अधिक IPO अपने इशू प्राइस से अधिक पर लिस्ट हुए.
जिस समय आर्थिक संकट की बात हो रही हो, उस बीच शेयर मार्केट में इस तरह की गतिविधि उन्हें हैरान कर सकती है जो इसकी गहराई से समझ नहीं रखते.
शेयर बाजार दरअसल मौजूदा नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भुनाते हैं. फिर अंतरराष्ट्रीय निवेश में बढ़त भी स्टॉक मार्केट में अच्छा माहौल बनाए हुए हैं.
वित्त वर्ष 2021 में रेकॉर्ड 2.74 लाख करोड़ रुपये फॉरेन पोर्टफोलियो के तहत निवेश हुए. वहीं, इस साल जून मध्य तक विदेशी निवेशकों ने आठ अरब डॉलर से अधिक भारतीय बाजार में लगाए हैं. इनकी मदद से शेयर मार्केट में पैसे का फ्लो बना हुआ है.
इनके साथ कई नए निवेशकों ने भी शेयर मार्केट में कदम रखा है. महामारी के कारण घर पर रहने से समय मिलने और कमाई के जरिए बढ़ाने का एहसास होने से कई नए निवेशकों ने बाजार से जुड़ना शुरू किया है.
स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में 44.7 लाख नए निवेशक बाजार से जुड़े. वहीं, वित्त वर्ष 2021 में रिटेल इनवेस्टर्स की संख्या में 142 लाख की बढ़त हुई.
NSE का डेटा बताता है कि बाजार के कुल टर्नओवर में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च 2020 में 39 प्रतिशत से बढ़कर 45 फीसदी पहुंच गई थी.
बढ़-चढ़कर निवेश करने वालों के बीच युवाओं की संख्या अच्छी खासी है. जोमैटो का IPO इस बात का सबूत है. ट्रेडिंग ऐप पेटीएम मनी के आंकड़ों के मुताबिक, जोमैटो के IPO के लिए पहले दिन अप्लाई करने वालों में 27 फीसदी की उम्र 25 साल से कम थी. 60 प्रतिशत 30 से कम आयु वाले थे.
ऐसे में कंपनियों को बाजार को भुनाने का मौका मिला है. कोरोना से हुए कारोबारी नुकसान की भरपाई वे मार्केट में बनी गर्मी से पूरा करने में लगी हैं.
जोमैटोके बाद पेटीएम और लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन वे बड़े नाम हैं जिनके IPO पर निवेशक नज़र टिकाए बैठे हैं. इनसे जुड़े अनुमान बड़े हैं. IPO की इस बाढ़ में अभी कई छप्परफाड़ आंकड़े देखने को मिल सकते हैं.
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