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किसी भी निवेशक को फिक्स्ड इनकम निवेश के साथ-साथ शेयर या म्यूचुअल फंड जैसे जोखिम वाले भी विकल्प चुनने चाहिए. ताकि ग्रोथ और स्थिरता दोनों मिलें.
Financially Independent: रिटायरमेंट में पैसा कहां से आएगा. यह भी सुनिश्चित करें कि मासिक खर्चों के अलावा अप्रत्याशित खर्चों के लिए भीपर्याप्त पैसा है.
Mutual Funds: अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइड और अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए लोग इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में भी निवेश कर रहे हैं.
कम जोखिम लेने वाले निवेशकों को एक केंद्रित पोर्टफोलियो में निवेश करने से बचना चाहिए और डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश करना चाहिए.
रिटायरमेंट के बाद भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए एनपीएस में निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है. इसमें लगभग म्यूचुअल फंड की तरह ही रिटर्न मिलता है.
ऐसी सलाह दी जाती है कि आप इतना इमरजेंसी फंड रखें, जो परिवार की 12 महीने तक की जरूरतों को पूरा कर सके.
Investment in Gold: जो लोग पेपर गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए गोल्ड ईटीएफ बेस्ट है.
Tax Saving: NPS निवेश में सेक्शन 80CCD(1B), सेक्शन 80CCD(1) और सेक्शन 80CCD(2) को मिलाकर कुल 2 लाख रुपये की टैक्स छूट ली जा सकती है.
Mutual Fund Risks: रिस्क से जुड़ी सबसे जरूरी और कारगर स्ट्रैटेजी यह है कि ऐसे प्रोफाइल में निवेश किया जाए, जो निवेशक की जोखिम सहनशीलता से मेल खाता हो
Step-UP SIP: यदि आप आज स्टेप-अप SIP का विकल्प चुनते हैं, तो SIP राशि में वृद्धि हर साल अपने आप हो जाएगी. यह आपको अनुशासित निवेशक बनाता है.