Health Insurance: भागदौड़ भरे इस जीवन में हम सभी के लिए हेल्थकेयर बेहद जरूरी है. लड़कियों और महिलाओं को खासकर स्वास्थ्य के प्रति बेहद जागरूक होना चाहिए. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में गर्भावस्था और प्रसव के दौरान हर दिन 810 महिलाओं की मौत हो जाती है. महिलाओं के लिए किसी भी हेल्थ इमरजेंसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कवर खरीदना बेहद जरूरी है. हालांकि महिलाओं से जुड़ी कई तरह की मेडिकल समस्याओं को इंश्योरेंस में शामिल नहीं किया जाता है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले कवर को अच्छे से समझ लेना चाहिए. वहीं किसी भी महिला को हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
हेल्थ इंश्योरेंस कवर में वे सभी बीमारियां शामिल होनी चाहिए, जिनके भविष्य में होने का खतरा हो सकता है. भविष्य में हो सकने वाली हेल्थ इमरजेंसी का पहले से पता नहीं लगाया जा सकता लेकिन उम्र, परिवार की मेडिकल हिस्ट्री और लाइफ स्टाइल के हिसाब से एक अंदाजा लगा सकते हैं. इसके साथ यह भी सलाह दी जाती है कि आप स्त्री रोग विशेषज्ञ से भी स्वास्थ्य को लेकर सलाह लें. आपके परिवार में किसी को भी कुछ बीमारी रही है तो आपको इन समस्याओं को ध्यान में रखकर हेल्थ इंश्योरेंस की प्लानिंग करनी होगी. बीमा कंपनी को इन फैक्टर्स की जानकारी दे देनी चाहिए.
इनवेस्टोग्राफी की CFP और फाउंडर श्वेता जैन के मुताबिक, ‘महिलाओं को पहले कुछ विशिष्ट पहलुओं की तलाश करनी चाहिए. कैंसर (स्तन, सर्वाइकल) से लेकर प्रसव से पहले और बाद के खर्चों और यहां तक कि नौकरी छूटने पर भी क्या कवर मिल सकता है, इसकी जानकारी ले लेनी चाहिए. मुझे लगता है कि कंपनियों के लिए प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप कराना अच्छा कदम साबित होगा. जैन ने मैमोग्राम, पैप टेस्ट आदि की भी सलाह दी. महिलाओं के स्वास्थ्य कवर में ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट जैसे पहलु बहुत अधिक पॉलिसियों में देखने को नहीं मिलते. भारतीय पॉलिसियों को आज की महिलाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाने होंगे.
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने का सबसे बड़ा नियम होता है, कम उम्र में पॉलिसी लेना. यह महिला-स्पेसिफिक हेल्थ केयर प्लान पर भी लागू होता है. कम कीमत में पॉलिसी मिलना पॉलिसीहोल्डर को मिलने वाला सबसे बड़ा लाभ है.
मान लीजिए कि आप 33 साल की हैं और आपकी शादी को तीन साल हो चुके हैं. अब आप 20 साल की उम्र में लिए हेल्थ कवर और 33 साल की उम्र में लिए हेल्थ कवर की तुलना कीजिए.
इंश्योरेंस कंपनी आपको 20 के दौरान उम्र को लेकर ज्यादा कॉन्फिडेंट होगी. इसके चलते, कम उम्र में लिए गए हेल्थ कवर पर कम कीमत चुकानी पड़ती है. शादी के बाद आमतौर पर, फैमिली फ्लोटर पॉलिसी का विकल्प चुनना पसंद किया जाता है, जिसमें दोनों पति-पत्नी कवर हो सके. आप जिस तरह का फैमिली फ्लोटर चुनती हैं, वह परिवार बढ़ने के साथ बदला भी जा सकता है. जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, अपने लिए एक निजी पॉलिसी खरीदना ज्यादा बेहतर उपाय लगता है. ऐसा इसलिए कि फैमिली फ्लोटर में प्रीमियम परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य की उम्र पर निर्भर करेगा और बीमा राशि परिवार के प्रत्येक सदस्य के बीच बंट जाती है.
पॉलिसी होल्डर के रूप में आपको इंश्योरेंस पॉलिसी के फीचर्स और फायदों की पूरी जानकारी होनी चाहिए. आपको सलाह दी जाती है कि सिर्फ पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को ही न पढ़ें, बल्कि उसके फीचर्स जैसे कमरे का किराया, को-पेमेंट और ओपीडी कॉस्ट आदि के बारे में भी समझें. हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय ध्यान रखिए कि कहीं इमरजेंसी के वक्त आप ज्यादा को-पेमेंट और कम रूम रेंट की लिमिट में न फंस जाएं. ऐसी लापरवाही क्लेम के वक्त आप पर भारी पड़ सकती है.
महिलाओं के लिए अस्पताल का कमरे किसी दूसरे मरीज के साथ शेयर करना सुविधाजनक नहीं होता है. इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते वक्त प्राइवेट वॉर्ड या निजी कमरे को लेकर हमेशा सतर्क रहें. कवर में रूम का किराया आपके कुल सम इंश्योर्ड का तकरीबन एक फीसदी होता है. आपके पास 5 लाख रुपये का कवर है, तो रूम रेंट 5000 रुपये होगा, जो मेट्रो शहरों के हिसाब से कम माना जाता है. इसका मतलब या तो आपको अस्पताल में कमरा दूसरे मरीज के साथ शेयर करना पड़ेगा या कमरे का किराया अपनी जेब से भरना होगा. कवर खरीदने से पहले रूम रेंट, सब लिमिट के बारे में जानकारी हासिल करें. हेल्थ कवर लेते वक्त महिलाओं के दृष्टिकोण से भी सोचें. याद रखें, पॉलिसी का ज्यादा प्रीमियम अतिरिक्त खर्च कवर होने की ओर संकेत देता है.