Life Insurance: किसी की जिंदगी की कीमत नहीं तय की जा सकती लेकिन जब आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा की बात हो तो एक सम इंश्योर्ड तक पहुंचना जरूरी है. अगर किसी कारणवश परिवार में इनकम वाले सदस्य की मौत हो जाती है तो पूरे परिवार को बोझ बढ़ता है. यही वजह है कि जीवन बीमा खरीदना क्यों जरूरी है – ये आपकी गैर-मौजूदगी में परिवार की आर्थिक जरूरतों का ख्याल रखेगा. लेकिन अगली उलझन ये है कि कितने का टर्म इंश्योरेंस लेना काफी है? इन कदमों के जरिए आप अपनी जरूरत के मुताबिक सम इंश्योर्ड तय कर पाएंगे. लेकिन उससे पहले आपको समझना होगा कि टर्म इंश्योरेंस होता क्या है?
टर्म इंश्योरेंस के अंतरगत आप तय सालों तक इंश्योरेंस कंपनी को नियमित समय पर प्रीमियम भरते हैं. बदले में मृत्यु पर इंश्योरेंस कंपनी परिवार को सम इंश्योर्ड देती है ताकि उनकी जिंदगी पर अचानक आई आर्थिक जिम्मेदारियों और जरूरतों का बोझ वे सहन कर सकें.
तो अब अगला सवाल ये कि कितना हो जीवन बीमा?
इंश्योरेंस कवर की रकम तय करने ता सबसे आसान तरीका है अपनी सालाना आय का 10-15 फीसदी कवर लेना. इससे आपके परिवार की आर्थिक जरूरतों के लिए 10 साल तक का समय मिल जाता है. उदाहरण के तौर पर अगर आपकी सालाना आय 20 लाख रुपये है तो आपको कम से कम 2 करोड़ का लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) लेना चाहिए. 2 करोड़ रुपये की रकम पर अगर 7 फीसदी भी रिटर्न मिले तो आपके परिवार को हर साल 14 लाख रुपये मिल सकेंगे.
ये ज्याद विस्तृत तरीका है. इसके तहत आप भविष्य के खर्चों, कर्ज और जिम्मेदारियों का आंकलन करते हैं. मान लीजिए हर महीने आपके 50,000 रुपये खर्च होते हैं – यानि सालाना 6 लाख रुपये. अचानक मौत होने पर आपके परिवार के पास इतनी धनराशि होनी चाहिए कि वे 10-15 साल तक इन खर्चों को वहन कर सकें. सम इंश्योर्ड तय करते वक्त महंगाई को भी जरूर जोड़ें. कुल मिलाकर ये कि 6 लाख का 15 गुना यानि 90 लाख रुपये का कवर ले सकते हैं.
अगर आप पर कोई लोन चल रहा है तो ऐसी स्थिति में इंश्योरेंस (Life Insurance) बकाया रकम को चुकाने में आपके परिवार को मदद करेंगे. यूं कहें कि आपके पास 60 लाख रुपये का होम लोन है. अचानक परिवार को छोड़ जाने पर आपके टर्म इंश्योरेंस से इस होम लोन की राशि भी अदा करने में मदद मिलनी चाहिए ताकि ये आपके परिवार के लिए भारी ना पड़े.
आपको ये कैलकुलेशन करना होगा कि बच्चों की पढ़ाई के लिए भविष्य में कितनी रकम की जरूरत होगी. अगर आप बच्चों को विदेश में पढ़ाना चाहते हैं तो 1 करोड़ रुपये तक का आकलन कर सकते हैं.
आपको अपने पार्टनर के रिटायरमेंट की भी फिक्र रह सकती है. आपके जाने के बाद आपके पार्टनर को नियमित खर्च के लिए किसी और सहारे की जरूरत ना पड़े इसका भी इंतजाम इंश्योरेंस (Life Insurance) के जरिए कर सकते हैं. ऐसे में आप उनके लिए अपने इंश्योरेंस में 50 लाख का अतिरिक्त इंश्योरेंस कवर ले सकते हैं,
अब आपको एक नजर अपने मौजूदा निवेश पर भी डालनी होगी जैसे म्यूचुअल फंड्स, PPF, EPF. अगर आपके पास 50 लाख रुपये का पोर्टफोलियो है तो इस रकम को कुल कर्ज से घटा सकते हैं.
अब तक के दिए उदाहरण में अगर आप पर कुल 3 करोड़ रुपये की जिम्मेदारी आ रही है (90 लाख+ 60 लाख + 1 करोड़ + 50 लाख) तो इसमें से अपने निवेश का हिस्सा घटा दें – मतलब आपको कुल 2.5 करोड़ रुपये का कवर लेना होगा.
जब आप ये पूरा गणित कर चुके हों तब एक आसान टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की कोशिश करें. आप इंश्योरेंस पॉलिसी ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं – अक्सर ऑनलाइन पॉलिसी खरीदने पर प्रीमियम 50 फीसदी तक कम पड़ता है. इसके साथ ही ये ध्यान रखें की कर्ज या जिम्मेदारियां बढ़ने पर आपको अपना इंश्योरेंस कवर भी बढ़ाना होगा.