सोनल को जैसे ही उनके बीमा एजेंट ने बताया कि वो एक साथ ही तीन साल के लिए हेल्थ बीमा खरीद सकती हैं तो सोनल कंफ्यूज हो गई. ऐसा कैसे हो सकता है? कहीं वो गलत तो नहीं समझ रहीं? एक साल में ही अदा कर दीजिए दो-तीन साल के बीमा का प्रीमियम और फिर तीन साल की छुट्टी. इस मल्टी ईयर बीमा के बारे में अगर सोनल की तरह आप भी पहली बार सुन रहें हैं तो ये वीडियो है आपके लिए-
आमौतर पर हेल्थ इंश्योरेंस बीमा पॉलिसी एक साल की होती है. एक साल बाद प्रीमियम देकर उसे रिन्यू करते हैं. मल्टी ईयर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी दो या इससे अधिक साल के लिए होती है. इसमें तीन साल का प्रीमियम एक साथ देकर हर साल पॉलिसी रिन्यू कराने की जरूरत नहीं होता. लेकिन ऐसी बीमा पॉलिसी के कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं.
कैसे होगा फायदा?
देश में स्वास्थ्य सुरक्षा का खर्च तेजी से बढ़ रहा है. इसी का नतीजा है कि सामान्य महंगाई सात फीसद के स्तर पर है जबकि हेल्थ केयर की इंफ्लेशन 14 फीसद यानी दोगुना रफ्तार से बढ़ रही है. क्लेम की लागत बढ़ने से पिछले एक साल में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 25 फीसद तक की वृद्धि हुई है. आने वाले दिनों में हेल्थ बीमा और महंगा होने के आसार हैं. अगर सोनल मल्टी ईयर पॉलिसी लेती हैं तो उन पर बढ़े हुए प्रीमियम का बोझ नहीं पड़ेगा.
मल्टी ईयर पॉलसी में बीमा कंपनियां प्रीमियम में 8 से 15 फीसद तक का डिस्काउंट भी देती हैं. उदाहरण के लिए सोनल का अभी सालाना प्रीमियम 20,000 रुपए बन रहा है
… तो तीन साल की पॉलिसी के लिए 60,000 रुपए प्रीमियम बनेगा. बीमा कंपनी इसमें 10 फीसद का डिस्काउंट दे रही है तो उन्हें 6000 रुपए का फायदा हो सकता है. इस तरह उऩ्हें तीन साल का कवर 54,000 रुपए में मिल जाएगा. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि आप इसका भुगतान एक बार में ही करें. प्रीमियम का भुगतान सालाना, छमाही या तिमाही आधार पर कर सकते हैं. हालांकि इस विकल्प के तहत प्रीमियम की राशि बढ़ जाएगी.
कैसे मिलेगी टैक्स में छूट?
आयकर की धारा 80डी के तहत हेल्थ बीमा के सालाना 25,000 रुपए तक के प्रीमियम पर टैक्स में छूट मिलती है. अगर आप माता-पिता के लिए हेल्थ बीमा लेते हैं तो 25,000 रुपए के प्रीमियम पर अतिरिक्त छूट मिलेगी. अगर माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं तो 50,000 रुपए के प्रीमियम पर टैक्स में छूट का लाभ ले सकते हैं.
मान लीजिए सोनल ने अपने लिए तीन साल के लिए 54,000 रुपए का प्रीमियम चुकाया है तो वह हर साल 18,000 (54,000/3) रुपए पर टैक्स छूट क्लेम कर सकती हैं. वह एक वित्त वर्ष में सिर्फ 18,000 रुपए पर टैक्स छूट का ही लाभ ले सकेंगी.
क्या हैं नुकसान?
मल्टी ईयर पॉलिसी की कुछ खामियां भी हैं. इस पॉलिसी में आप पोर्टिंग का फायदा नहीं उठा सकते. अगर पॉलिसी लेने के एक साल बाद आप कंपनी की सेवाओं से संतुष्ट नहीं हैं तो दूसरी कंपनी में अपनी पॉलिसी को पोर्ट नहीं करवा पाएंगे. यानी आपने जितने साल का बीमा खरीदा है उतने साल तक आपको उसी कंपनी के साथ बने रहना होगा. इसी तरह अगर बीमा कंपनी की प्रीमियम की दरें घटती हैं तो आपको इसका फायदा नहीं मिलेगा. हालांकि मौजूदा माहौल में प्रीमियम घटने की संभावनाएं न के बराबर हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि मल्टी ईयर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको प्रीमियम बढ़ने की चिंता नहीं रहती. पॉलिसी की अवधि में प्रीमियम बढ़ता है तो इसका आप पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हेल्थ बीमा पॉलिसी को समय पर रिन्यू कराना जरूरी है. अगर आप रिन्यू कराना भूल गए तो फिर पॉलिसी लैप्स हो सकती है. ऐसे लोगों के लिए मल्टी ईयर पॉलिसी उपयोगी रहती है. इसमें लंबी अवधि तक पॉलिसी रिन्यू कराने की जरूरत नहीं रहती. अगर आप मल्टी ईयर हेल्थ पॉलिसी खरीद रहे हैं तो जल्दबाजी न करें. कोई भी फैसला लेने से पहले कंपनी के क्लेम सेटलमेंट रेश्यो का ट्रैक रिकॉर्ड पता करें.