Sum Assured Vs Sum Insured: सम एश्योर्ड और सम इंश्योर्ड में क्या है फर्क? यहां है पूरी जानकारी

Sum Assured Vs Sum Insured: कई लोगों को लगता है कि ये एक ही है, लेकिन ऐसा नहीं है. इंश्योरेंस लेने वाले हर शख्स को इन टर्म्स की साफ जानकारी होनी चाहिए

Sum Assured Vs Sum Insured: what is the difference between Sum Assured and Sum insured, know the details

image: Unsplash, सम एश्योर्ड (Sum Assured) या बीमित राशि इंश्योरेंस कवर की वह वैल्यू है, जिसे इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय बीमा कंपनी पॉलिसीधारक के लिए तय करती है.

image: Unsplash, सम एश्योर्ड (Sum Assured) या बीमित राशि इंश्योरेंस कवर की वह वैल्यू है, जिसे इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय बीमा कंपनी पॉलिसीधारक के लिए तय करती है.

Sum Assured Vs Sum Insured: इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले निवेशकों को इसकी टेक्निकल टर्मिनोलॉजी को जान लेना चाहिए. अगर आपने जीवन बीमा या मेडिक्लेम पॉलिसी ली है तो आपने देखा होगा कि इसमें दो शब्द बार-बार आते हैं. जो बिल्कुल मिलते-जुलते हैं पर दोनों अपने आप में बेहद अलग हैं. हम बात कर रहे हैं ‘सम एश्योर्ड’ और ‘सम इंश्योर्ड’ की. कई लोगो को लगता है कि ये एक ही है, लेकिन ऐसा नहीं है. इंश्योरेंस लेने वाले हर शख्स को इन टर्म्स के अर्थ की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए. अगर आप इसके अंतर को जान जाएंगे तो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. आइए, यहां इसके बारे में जानते हैं.

सम एश्योर्ड क्‍या होता है

सम एश्योर्ड (Sum Assured) या बीमित राशि इंश्योरेंस कवर की वह वैल्यू है, जिसे इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय बीमा कंपनी पॉलिसीधारक के लिए तय करती है. यह एक तरह से गारंटीशुदा राशि होती है जो पॉलिसीधारक को मिलती है. इसे कवर या कवरेज राशि के तौर पर भी जाना जाता है. यही वह कुल राशि है जिसके लिए व्यक्ति बीमा कराता है. अचानक मौत होने जैसी किसी अनहोनी की स्थिति में सम एश्योर्ड (Sum Assured) ही वह रकम होती है, जिसे बीमा कंपनी लाभार्थी को देती है. सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट पाने के लिए सम एश्योर्ड (Sum Assured) को सालाना प्रीमियम का 10 गुना होना चाहिए. पॉलिसी की मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स फ्री होती है.

सम इंश्योर्ड किसे कहते हैं

सम इंश्योर्ड (Sum Insured) क्षतिपूर्ति के सिद्धांत पर आधारित है. इंश्योरेंस लेने वाले के चोटिल होने या बीमार होने या उसकी किसी संपत्ति मसलन वाहन, प्रॉपर्टी, महंगा सामान आदि को नुकसान हो जाने या फिर चोरी होने की स्थिति में इसका (Sum Insured) फायदा हर्जाने के तौर पर दिया जाता है.

गैर-जीवन बीमा पॉलिसी जैसे हेल्थ, मोटर आदि बीमा पॉलिसी क्षतिपूर्ति के आधार पर काम करती हैं और इसमें इंश्योरेंस लेने वाले को हुए नुकसान को कवर किया जाता है. इसे ही सम इंश्योर्ड (Sum Insured) कहते हैं.

यानी ये सारी की सारी प्योर रिस्क वाली जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी में यूज होता है. उदाहरण के लिए एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में किसी को 2 लाख रुपये का सम इंश्योर्ड (Sum Insured) किया गया है. यानी अगर इंश्योरेंस लेने वाला व्यक्ति बीमार होकर अस्पताल में भर्ती होता है तो उसका 2 लाख रुपये तक का खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठाएगी. सम इंश्योर्ड (Sum Insured) मॉनेटरी बेनिफिट नहीं है, यह इंश्योरेंस लेने वाले को खर्च का मुआवजा है. खर्च सम इंश्योर्ड से अधिक होने पर बाकी का खर्च इंश्योरेंस लेने वाले को वहन करना होता है.

दोनों के लाभ

Sum Assured Vs Sum Insured: सम एश्योर्ड और सम इंश्योर्ड दोनों के मामले में एक बात समान है और वह यह कि सम एश्योर्ड और सम इंश्योर्ड (Sum Assured Vs Sum Insured) जितना अधिक होगा, इंश्योरेंस का प्रीमियम उतना ही अधिक होगा. कई ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी भी हैं, जो सम एश्योर्ड और सम इंश्योर्ड दोनों तरह के लाभ प्रदान करती हैं.

उदाहरण के लिए कुछ इंश्यारेंस कंपनियों ने ऐसी पॉलिसी देना शुरू किया है, जो मेडिकल ​खर्च तो कवर करती ही हैं साथ ही प्रीडिफाइंड बेनिफिट भी देती हैं. यह बेनिफिट, पॉलिसी में पहले से उल्लिखित मेडिकल इवेंट घटित होने पर मिलता है. इस प्रकार के ड्युअल बेनिफिट प्लान की पेशकश लाइफ इंश्योरेंस और नॉन लाइफ इंश्योरेंस दोनों तरह की कंपनियां करती हैं. इन जानकारी के बाद कोई भी व्‍यक्ति अपने मत अनुसार इंश्‍योरेंस ले सकता है.

Published - August 4, 2021, 07:54 IST