आपके टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करते हैं ये फैक्टर

Term Insurance: अगर किसी को एनुअल मोड की तुलना में मंथली पेमेंट करना होता है तो उसे थोड़ा अधिक प्रीमियम देना पड़ सकता है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 30, 2021, 10:51 IST
Insurance is available for free on buying these four things, it is important for you to know

गैर-कोविड बीमारियों से जुड़े क्लेम में भारी इजाफा देख रही हैं. सितंबर से गैर-कोविड बीमारियों के कारण हॉस्पिटलाइजेशन में बढ़ोतरी हो रही है

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किसी व्यक्ति के ना होने पर उसके परिवार को फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट बनाने का सबसे सरल और कॉस्ट इफेक्टिव तरीका है टर्म इंश्योरेंस. जिस व्यक्ति ने टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) लिया है उसके न होने पर टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Insurance) पॉलिसी नॉमिनी को एक निश्चित राशि का भुगतान करती है, जिसे सम इंश्योर्ड (बीमित राशि) के रूप में जाना जाता है. इस रिस्क कवर को खरीदने के लिए, इंश्योरर को प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है जो पॉलिसी को खरीदने के समय तय किया जाता है

एक स्वाभाविक प्रश्न जो हर पॉलिसी खरीदार के दिमाग में आ सकता है कि उसे कितना प्रीमियम भरना होगा जैसे कि 1 करोड़ रुपये की बीमा राशि पॉलिसी के लिए कितना प्रीमियम भरना होगा. इसके अलावा, किसी व्यक्ति के लिए टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम और उन फैक्टर को समझना जरूरी है जो किसी दिए गए प्रीमियम के लिए टर्म इंश्योरेंस कवरेज को ऑप्टिमाइज करने में मदद करते हैं, जिनमें से कुछ फैक्टर नीचे दिए गए हैं

एज और जेंडर

उम्र के साथ टर्म प्रीमियम बढ़ता जाता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि अगर आपके परिवार में ऐसे लोग है जो आप पर आर्थिक रूप से निर्भर हों तो पॉलिसी लेने में देर नहीं करनी चाहिए. एक बार जब आप इसे खरीदने का समय तय कर लेते हैं, तो आपका टर्म प्रीमियम पॉलिसी पीरियड के लिए फिक्स्ड रहता है, और आपको उस पीरियड के लिए पॉलिसी के प्रीमियम में किसी भी वृद्धि के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, जिसके लिए आप कवर किए गए हैं.

जब कोई युवा होता है तो प्रीमियम अपेक्षाकृत कम होता है. एक बार जब कोई खरीदार 40 साल की उम्र पार कर लेता है, तो प्रीमियम हर साल एक सिग्निफिकेंट अमाउंट से बढ़ जाता है. इसलिए, टर्म प्लान लेने में जितनी देरी करेंगे प्रीमियम उतना ज्यादा भरना पड़ेगा. पुरुषों की तुलना में महिलाएं समान उम्र के लिए कम प्रीमियम का भुगतान करती हैं.

कवर पीरियड (‘पॉलिसी टर्म’)

कवर पीरियड जितना लंबा होगा, प्रीमियम उतना ही ज्यादा होगा. प्रीमियम में काफी बढ़ जाता है यदि कोई व्यक्ति वृद्धावस्था तक कवर पीरियड बढ़ाता है, उदाहरण के लिए, 75 की उम्र का टर्म कवर 65 की उम्र के कवर से थोड़ा ज्यादा होगा. आइडियली किसी व्यक्ति को उस पीरियड तक कवर लेना चाहिए जब तक कि उसके परिवार के उसकी इनकम पर निर्भर रहने की संभावना है. ध्यान दें अगर आपको लगता है कि रिटायरमेंट के बाद भी आपका जीवनसाथी आप
पर निर्भर रहेगा तो आपको ऑप्टीमम टर्म कवर सुनिश्चित करना चाहिए जो रिटायरमेंट बाद के आप दोनों को फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होने में मदद कर सके.

पेमेंट पीरियड (‘पॉलिसी पेमेंट पीरियड’) और पेमेंट की फ्रीक्वेंसी

सालाना भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम बढ़ जाता है यदि कोई लिमिटेड प्रीमियम पेमेंट पीरियड चुनता है, जैसे कि पूरे कवर पीरियड के बजाय 10 सालों के लिए. हालांकि पेमेंट किया गया कुल प्रीमियम कम है; इसलिए वास्तव में पेमेंट पीरियड कम होने पर पेमेंट किए गए कुल प्रीमियम को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, अगर किसी को एनुअल मोड की तुलना में मंथली पेमेंट करना होता है तो उसे थोड़ा अधिक प्रीमियम देना पड़ सकता है.

क्या आप स्मोकर हैं?

टर्म प्रीमियम निर्धारित करने के लिए किसी व्यक्ति का स्मोकिंग स्टेटस सबसे सिग्निफिकेंट फैक्टर्स में से एक है. इसलिए, स्मोक न करना न केवल हेल्थ के लिए अच्छा है, बल्कि हाई टर्म प्रीमियम भरने से भी बचाता है.

आपका हेल्थ स्टेटस और मेडिकल टेस्ट

यदि कस्टमर की हेल्थ अच्छी है तो उसे स्टैंडर्ड प्रीमियम रेट मिलने की संभावना है. यदि इंश्योरर को लगता है कि बीमित व्यक्ति का हेल्थ स्टेटस हेल्थ क्वेश्चन और मेडिकल टेस्ट के बेसिस पर पैरामीटर को पूरा नहीं करता है, तो व्यक्ति को अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है या कुछ मामलों में पॉलिसी को डिक्लाइन या पोस्टपोन्ड भी किया जा सकता है. ये बहुत जरूरी है कि कोई व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नों का सही और ईमानदारी से जवाब दे ताकि नॉन-डिसक्लोजर या फॉल्स डिसक्लोजर के कारण क्लेम फाइल करते समय कोई परेशानी न हो.

(लेखक मिस्टर ऋषि माथुर, चीफ डिजिटल एंड स्ट्रेटजी ऑफिसर, केनरा HSBC OBC लाइफ इंश्योरेंस)

Published - August 30, 2021, 10:51 IST