जीवन बीमा, मानव जीवन से जुड़ी आकस्मिकताओं, जैसे कि मृत्यु, विकलांगता, दुर्घटना, सेवानिवृत्ति आदि के लिए एक वित्तीय सुरक्षा है. प्राकृतिक या दुर्घटना कारणों से मानव जीवन से मृत्यु और विकलांगता के जोखिम जुड़े रहते हैं. किसी मनुष्य की मृत्यु होने या स्थायी अथवा अस्थायी रूप से विकलांग हो जाने पर परिवार की आय की हानि होती है. इसलिए, जीवन बीमा में, पॉलिसी अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने या किसी दुर्घटना के कारण अपंग हो जाने की स्थिति में जीवन बीमा उत्पाद, एक निश्चित मात्रा में धनराशि प्रदान करते हैं. एक व्यक्ति अलग-अलग बीमा कंपनियों से एक से ज्यादा लाइफ इश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकता है.
क्यों खरीदें एक से ज्यादा पॉलिसी
अगर आपके पास एक से ज्यादा लाइफ इंश्योरेंस है तो आप बीमा दावा खारिज होने की चिंता कुछ कम हो जाती है.
एक कंपनी किसी वजह से दावा खारिज भी कर दे तो दूसरी कंपनी से दावे की रकम मिल जाती है.
होम लोन सहित लिए गए अन्य लोन को ध्यान में रखकर भी अतिरिक्त बीमा पॉलिसी खरीदी जा सकती है.
जीवन में व्यक्ति की आय बढ़ती है तो जिम्मेदारियां भी बढ़ती है. बढ़ती जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए एक से अधिक बीमा पॉलिसी खरीदनी चाहिए.
इन बातों को रखें ध्यान
अगर आप नई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं तो आपके लिए अपनी सभी मौजूदा जीवन बीमा पॉलिसियों की जानकारी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को देना जरूरी है. आपको अपनी इनकम से जुड़ा डॉक्युमेंट भी कंपनी को देना होगा, जिससे यह पता चलेगा कि आप अतिरिक्त पॉलिसी क्यों खरीद रहे हैं.
अगर व्यक्ति की जिंदगी की वैल्यू की रकम से उसके सभी बीमा का मूल्य ज्यादा आता है तो बीमा कंपनी नई पॉलिसी खरीदने का आपका प्रस्ताव खारिज कर सकती है. व्यक्ति की जिंदगी की वैल्यू के लिए उसकी सालाना इनकम की 20 गुना रकम को आधार माना जाता है.
ऐसे करें पॉलिसी का प्रबंधन
आपके लिए अपनी सभी पॉलिसी को एक्टिव रखना जरूरी है. इसके लिए आपको बीमा कंपनी को नियमित रूप से प्रीमियम चुकाना होगा. आपको नॉमिनेशन को भी अपडेट रखना होगा. जरूरी होने पर आपको उसमें बदलाव करना होगा. अगर आपके पास एक से ज्यादा लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी हैं तो आपको ई-इंश्योरेंस अकाउंस से काफी मदद मिलेगी. इससे आपको अपनी सभी पॉलिसी की जानकारी आसानी से मिल जाएगी.
पॉलिसी से जुड़ी ये बातें जरूर ध्यान में रखें
अगर आपके पास एक से ज्यादा पॉलिसी हैं तो हर पॉलिसी की बीमा की रकम और नॉमिनी के बारे में परिवार के सदस्यों को जरूर जानना चाहिए. इससे किसी अनहोनी की स्थिति में दावा करने में आसानी होगी.