मॉर्गेज इंश्योरेंस प्लान लेना क्या आपके लिए फायदेमंद है?

होम लोन की सुरक्षा के लिए आपको मॉर्गेज इंश्योरेंस नहीं, बल्कि टर्म प्लान लेना चाहिए, जो कम प्रीमियम में अधिक कवर और बेनिफिट प्रदान करता है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 16, 2021, 03:51 IST
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होम लोन इंश्योरेंस को आम तौर पर होम लोन प्रोटेक्शन प्लान (HLPP) भी कहा जाता है.

होम लोन इंश्योरेंस को आम तौर पर होम लोन प्रोटेक्शन प्लान (HLPP) भी कहा जाता है.

Home Loan Protection Insurance: विभिन्न बैंक और NBFC के इंटरेस्ट रेट के बीच तुलना करने के बाद मुंबई के 34 वर्षीय उमंग ठक्कर ने एक बैंक से होम लोन लेने का निर्णय लिया है. इस बैंक के प्रतिनिधि ने उमंग को होम लोन के साथ होम लोन प्रोटक्शन इंश्योरेंस (Home Loan Protection Insurance) या मॉर्गेज इंश्योरेंस (mortgage insurance) खरीदने का आग्रह किया है. प्रतिनिधि का कहना है कि, अगर उमंग के साथ कोई दुर्घटना हो गई तो उसके होम लोन की बाकी राशि वसूलने के लिए बैंक घर पर कब्जा करके और उसे बेचकर वसूली करेगी. प्रतिनिधि की बात से डर गए उमंग ऐसी संभवित स्थिति से उनके परिवार को बचाने के लिए होम लोन इंश्योरेंस लेने को राजी हो गए है. क्या उमंग का यह निर्णय सही है?

RBI और IRDAI के नियम

उमंग को ऐसा मॉर्गेज लोन नहीं लेना चाहिए क्योंकि, जीवन बीमा के ज़रिए ऐसी संभवित मुश्किल परिस्थिति का सामना आसानी से किया जा सकता है. याद रखें, अगर कोई व्यक्ति किसी लोन संस्थान से होम लोन ले रहा है, तो RBI और IRDAI के नियमों के अनुसार होम बीमा योजना खरीदना अनिवार्य नहीं है.

डरना जरूरी नहीं

बैंक और इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधि होम लोन लेने वाले व्यक्तियों में ऐसा डर बैठाने का प्रयास करते है कि अगर उनके साथ कोई दुर्घटना हो गई तो उनके होम लोन की बाकी राशि का भुगतान कौन करेगा. लोन लेने वाला व्यक्ति नहीं चाहेगा कि उसके आकस्मिक निधन के बाद परिवार पर होम लोन का बोझ पड़े, इसलिए वह डर के ऐसे महंगे इंश्योरेंस प्लान खरीद लेता है. हालांकि, बैंकों, NBFC या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से कोई भी लोन लेते समय होम लोन बीमा खरीदना अनिवार्य नहीं है.

क्या है विकल्प?

अधिकतर बैंक या फाइनेंस कंपनी आमदनी बढ़ाने के लिए अपनी सहयोगी कंपनी या ऐसी कंपनी से इंश्योरेंस खरीदने के लिए कहते हैं, जिनके साथ उनका कोई समझौता हो. कई बार देखा गया है कि बैंक की ओर से जिस पॉलिसी को ऑफर किया जाता है, वह सबसे सस्ता प्लान नहीं होता है.

ऐसे हालात में आपके पास होम लोन की सुरक्षा के जिए दो विकल्प हैं: टर्म पॉलिसी या होम लोन इंश्योरेंस.

प्रीमियम

इन दोनों में से कौन सा विकल्प चुनना चाहिए यह तय करने के लिए आपको प्रीमियम की लागत और दूसरे बेनिफिट की तुलना करनी चाहिए. टर्म प्लान में जहां आपको एक नियमित अंतराल पर प्रीमियम चुकाना पड़ता है, वहीं होम लोन प्रोटेक्शन प्लान (HLPP) में आपको एकमुश्त रकम प्रीमियम के रूप में देना होता है.

इस वजह से HLPP में आपको अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ता है. आम तौर पर किसी युवा के लिए एक करोड़ रुपये का टर्म प्लान 15,000 रुपये तक के प्रीमियम में उपलब्ध है, जबकि HLPP में एक करोड़ रुपये के कवर के लिए आपको 50,000 रुपये तक चुकाना पड़ सकता है.

टर्म प्लान लेने पर व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके परिवार को बीमा की रकम मिल जाती है. इस स्थिति में परिजन इस रकम से होम लोन चुका सकते हैं. वे अपनी बाकी वित्तीय जरूरत भी पूरी कर सकते हैं.

इसकी तुलना में HLPP के कामकाज का तरीका जटिल है. इसमें होम लोन की रकम कवर होती है. इस स्थिति में HLPP बेचने वाली कंपनी व्यक्ति के नहीं रहने की स्थिति में सिर्फ उसके होम लोन की रकम बैंक को चुका देती है. एक बार होम लोन की रकम चुका देने के बाद कंपनी की देनदारी खत्म हो जाती है.

Published - August 16, 2021, 03:51 IST