Pet Insurance: अगर आप कुत्ता पालने के शौकीन हैं, तो अब आपको अपने कुत्ते की सेहत को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. अब आप आम इंसानों की तरह अपने कुत्ते का भी बीमा करवा सकते हैं. अगर कुत्ता बीमार हो जाएगा तो इलाज का खर्च मिलेगा. यही नहीं, कुत्ता गायब या चोरी हो जाने पर भी इसमें कवर का प्रावधान है. क्या आपको पता है कि भारत में कुछ बीमा कंपनियों ने पालतू बीमा पॉलिसियों की शुरुआत की है. आइए जानते हैं पेट इंश्योरेंस (Pet Insurance) लेने के क्या हैं फायदे और कैसे कराएं अपने पालतू जानवर का इंश्योरेंस…
यह भी बाकी बीमा पॉलिसी की तरह जिसमें आपके पालतू जानवर को आपात स्थिति में कुछ होने पर उसमें होने वाले खर्चे शामिल होते हैं. इसमें इलाज/ दुर्घटनाओं के लिए पशु चिकित्सा बिल को कवर करने से लेकर नुकसान या चोरी और पालतू जानवरों की मौत तक सब कुछ कवर किया जाता है. यह अन्य लोगों को होने वाले नुकसान की स्थिति में तीसरे पक्ष की देनदारियों से संबंधित जोखिम को भी कवर करता है.
भारत में पेट इंश्योरेंस के तहत कुत्ता, बिल्ली, चिड़िया, भेड़, बकरी, घोड़ा, खरगोश, हाथी आदि को शामिल किया जाता है. हालांकि यह बीमा ऑफर अलग-अलग कंपनी के मुताबिक बदल भी सकता है. कुछ कंपनियां कुछ खास खास तरह के जानवरों का भी बीमा करती हैं.
किसी भी अन्य बीमा पॉलिसी की तरह, इस बीमा को लेने के लिए भी एक आयु सीमा लागू है. उदाहरण के लिए, कुत्तों और बिल्लियों के लिए, बीमा खरीदने की आयु सीमा आठ सप्ताह से आठ वर्ष के बीच है. गायों के लिए, यह दो और दस साल की होती है, बकरियो/भेड़ों के लिए यह एक से सात साल के बीच होती है.
न्यू इंडिया एश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और ओरियंटल इंश्योरेंस सालों से पशु बीमा (कैटेल इंश्योरेंस) बेचते रहे हैं. लेकिन, अब नई कंपनियां भी इस दौड़ में जुड़ गई हैं. वेटिना हेल्थकेयर ने डिजिट इंश्योरेंस के साथ मिलकर 2008 में पॉटेक्ट मेडिकल कवर लॉन्च किया था. वहीं, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने अगस्त 2020 से कुत्तों के लिए बीमा ऑफर करना शुरू किया है. जहां सरकारी बीमा कंपनियां पॉलिसी अवधि के दौरान मौत की स्थिति में सम एश्योर्ड का भुगतान करती हैं. वहीं, प्राइवेट कंपनियां मौत और बीमारी दोनों में कवर उपलब्ध कराती हैं.
आमतौर पर बीमा प्रीमियम का आकार बीमित राशि के 3% से 5% के बीच होता है, लेकिन यह पालतू जानवरों की उम्र, बीमित राशि के आकार, नस्ल, तीसरे पक्ष के दायित्व कवरेज, मृत्यु जैसे कारकों के आधार पर अलग हो सकता है. राइडर, एक्सीडेंटल-डेथ राइडर, विकलांगता राइडर, आदि जब पशुधन बीमा की बात आती है, तो सरकार प्रीमियम मूल्य पर 50% तक की सब्सिडी देती है. बजाज आलियांज ने सर्जरी के लिए कवर के साइज की सीमा 50,000 रुपये तय कर रखी है. हॉस्पिटलाइजेशन के मामले में यह 10,000 रुपये है.