Medical Expenses: देश में हेल्थ केयर का खर्च दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. विशेष रूप से कोविड -19 के बाद नए मेडिकल प्रोटोकॉल्स के आने से मेडिकल खर्च पहले की तुलना में और महंगा हो गया है. इसी के साथ ही साथ बढ़ती टेक्नोलॉजी ने भी मेडिकल खर्च (Medical Expenses) को बढ़ावा दिया है, जैसे की साइबरनाइफ एडवांस्ड ट्रीटमेंट मेथड के माध्यम से कैंसर का इलाज करना लगभग 7 से 8 गुना अधिक महंगा हो गया है. आंकड़ों के मुताबिक भारत में हेल्थ पर लोगों का 70% या इससे अधिक पैसा खर्च हो जाता है. हेल्थ ट्रीटमेंट की बढ़ती कीमतें के साथ ही अक्टूबर 2020 से इंश्योरेंस रेगुलेटर द्वारा निर्देशित मानकीकरण नियम लागू होने के बाद हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां भी 30% -40% महंगी हो गई हैं. अब हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मेन्टल इलनेस, एचआईवी, अल्जाइमर और पार्किंसन सहित अन्य बीमारियों को भी कवर करती है. आज हम आपको बताएंगे की कैसे आप इन बढ़ते मेडिकल खर्च के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट या शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड में निवेश करके हमेशा मेडिकल इमरजेंसी के लिए एक इमरजेंसी फंड बनाएं. अपने पैसों को लंबी अवधि के लिए लॉक न करें क्योंकि कभी भी अचानक आपको पैसों की जरूरत पड़ सकती है.
इमरजेंसी फंड को तैयार करने के लिए आप छोटी अवधि के फिक्स्ड डिपॉजिट या शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड का सहारा ले सकते हैं.
एक इंश्योरेंस पोर्टफोलियो बनाना हमेशा फायदेमंद होता है. क्योंकि यह विभिन्न प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में बहुत काम आता है.
यह आपकी सुरक्षा का पहला स्तर होना चाहिए. यह एक इंडेम्निटी पॉलिसी है, जो अस्पताल में भर्ती होने पर चिकित्सा बिलों की भरपाई करती है. जीवनसाथी और बच्चों के लिए फैमिली फ्लोटर पॉलिसी एक बेहतर विकल्प है.
फैमिली फ्लोटर्स में बीमा राशि का लाभ परिवार के किसी एक या सभी सदस्यों द्वारा लिया जा सकता है. इसके अलावा इंडिविजुअल हेल्थ प्लान में प्रीमियम बहुत कम देना पड़ता है.
ये एकमुश्त पॉलिसी हैं जो व्यक्ति को किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर पूरी बीमा राशि का भुगतान करती हैं. इसे या तो एक अलग पॉलिसी के रूप में या आपके लाइफ या हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े राइडर के रूप में खरीदा जा सकता है.
यह पॉलिसी आपके स्वास्थ्य सुरक्षा पोर्टफोलियो को बेहतर बनाती है.
यह पॉलिसी बीमित व्यक्ति को डेली बेसिस पर एक निश्चित राशि का कंपनसेशन प्रदान करती हैं. अस्पताल के खर्च जो हेल्थ प्लान्स के अंतर्गत नहीं आते हैं. उन्हें डेली हॉस्पिटीलाइजेशन प्लान के द्वारा पूरा किया जा सकता है.
ये योजनाएं कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों के लिए बनाई जाती हैं. कोई भी व्यक्ति जो इन बिमारियों से ग्रस्त है. या पहले कभी ग्रस्त हुआ था. इन पॉलिसी को खरीद सकता है.
इसी तरह कोविड -19 और वेक्टर बोरने बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू, आदि के लिए भी डिजीज स्पेसिफिक प्लान्स दिए जाते हैं.