अगर इंश्योरर लोडेड प्रीमियम की मांग करता है तो क्या करें

Life Insurance: एक कॉन्सेप्ट के रूप में लोडिंग तब आता है जब एक इंश्योरेंस कंपनी एक हाई रिस्क वाले कैंडिडेट के साथ काम कर रही है.

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पिछले हफ्ते ईटी को दिए एक इंटरव्यू में एलआईसी (LIC) के चेयरमैन एमआर कुमार ने कहा कि उनकी कंपनी अभी भी रिइंश्योरेंस के साथ बातचीत कर रही है

पिछले हफ्ते ईटी को दिए एक इंटरव्यू में एलआईसी (LIC) के चेयरमैन एमआर कुमार ने कहा कि उनकी कंपनी अभी भी रिइंश्योरेंस के साथ बातचीत कर रही है

Life Insurance: लाइफ इंश्योरेंस एक बेहद जरूरी प्रोडक्ट है. कई इंश्योरेंस कंपनियां हैं जहां आप इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. अंडरराइटिंग नॉर्म्स हर इंश्योरर के अलग हो सकते हैं. कुछ में कड़े नॉर्म्स हो सकते हैं, जबकि दूसरे थोड़े उदार हो सकते हैं. यह किसी प्रोडक्ट के लिए इंश्योरर के रिस्क प्रोफाइल पर निर्भर करता है. एक प्री-एग्जिस्टिंग कंडीशन के लिए एक इंश्योरर ज्यादा चार्ज ले सकता है जबकि दूसरा नहीं. हमसे मनी9 हेल्पलाइन पर ये सवाल पूछा गया.

रचिता गोस्वामी:  मैंने फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए अप्लाई किया और प्रीमियम का भुगतान किया. उसके बाद, मुझे एक मेडिकल डिस्कशन के लिए कॉल आया जहां मैंने उन्हें बताया कि नई रिपोर्ट में परिवार के दो सदस्यों का हीमोग्लोबिन लेवल कम आया है.

इसके बाद उन्होंने इसे लोडिंग कहकर प्रीमियम में करीब 2,000 रुपये बढ़ाने की मांग की. मेरा कहना है कि हीमोग्लोबिन लेवल फ्लकचुएट होता रहता है.

अगली बार यह नॉर्मल भी हो सकता है. प्रीमियम में लोडिंग क्यों पे करें क्योंकि यह सिर्फ एक बार के लिए नहीं है. पॉलिसी रहने तक मैं वही प्रीमियम चुकाता रहूंगा.

कृपया सुझाव दें कि इसे कैसे हैंडल करूं? क्या मुझे इंतजार करना चाहिए और जब मेरा हीमोग्लोबिन लेवल नॉर्मल हो जाए तब पॉलिसी लूं?

हमने इस सवाल का जवाब जानने के लिए पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के हेल्थ एंड ट्रैवल इंश्योरेंस के हेड अमित छाबड़ा से संपर्क किया:

एक कॉन्सेप्ट के रूप में लोडिंग तब आता है जब एक इंश्योरेंस कंपनी एक हाई रिस्क वाले कैंडिडेट के साथ काम कर रही है, ये करंट हेल्थ कंडीशन के आधार पर लागू किया जाता है.

लोडिंग एक एडिशनल कॉस्ट है जो इंश्योरेंस पॉलिसी में एक ऐसे व्यक्ति को इंश्योरेंस देने से होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए बनाई गई है जिसे ज्यादा रिस्क है.

एक निश्चित अवधि के लिए, एक इंश्योरेंस कंपनी इंश्योरेंस के माध्यम से एक पर्टिकुलर अमाउंट क्लेम करने की अपेक्षा करती है. जब तक आप हेल्दी रहते हैं आपके क्लेम करने का रिस्क कम रहता है.

आप इंश्योरर के लिए एक बड़ा रिस्क हैं यदि आप में स्पेसिफिक हेल्थ कॉम्प्लिकेशन डायग्नोस किया जाता है जो फिर से हो सकता हैं.

आपके करंट हीमोग्लोबिन लेवल के साथ, पॉलिसी को लोडेड प्रीमियम पर ही जारी करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह सही कीमत है.

कॉस्ट आपको ज्यादा लग सकती है, लेकिन कोई इस फैक्ट को नजरअंदाज नहीं कर सकता है कि हेल्थ इंश्योरेंस एक आवश्यकता है, भले ही यह हाई कॉस्ट पर आता हो.

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान उस व्यक्ति के लिए और उसके परिवार के लिए काफी मददगार साबित होती है.

दूसरा तरीका ये है भी

दूसरा तरीका ये है कि आप दूसरे इंश्योरर से पॉलिसी लें जो लोडिंग लागू न करे. लोडिंग की शर्तें इंश्योरर-स्पेसिफिक हैं और आप ऐसी पॉलिसी खरीदकर जीवन भर पैसे बचा सकते हैं जो लोडिंग लागू नहीं करती है.

आज के हालात को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का महत्व समझा जा सकता है. हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले आप कई ऑप्शन का पता लगा सकते हैं और उनमें से उस ऑप्शन को चुन सकते हैं जो आपकी जरूरतों के हिसाब से हो.

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने का मतलब ये सुनिश्चित करना है कि मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में यह आर्थिक मदद देगा.

Published - August 5, 2021, 06:01 IST