Life Insurance: इंडीविजुअल VS ग्रुप, फायदे और नुकसान

ऐसी पॉलिसियों का प्रीमियम खरीदी गई पॉलिसी के प्रकार, पॉलिसी की अवधि और बीमा राशि पर निर्भर करता है.

LIC Jeevan Umang:

 पॉलिसी को किसी भी समय सरेंडर किया जा सकता है बशर्ते प्रीमियम का भुगतान पूरे तीन वर्षों के लिए किया गया हो. पॉलिसी सरेंडर करने पर, पॉलिसीधारक को सरेंडर वैल्यू गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू के बराबर मिलेगा. 

 पॉलिसी को किसी भी समय सरेंडर किया जा सकता है बशर्ते प्रीमियम का भुगतान पूरे तीन वर्षों के लिए किया गया हो. पॉलिसी सरेंडर करने पर, पॉलिसीधारक को सरेंडर वैल्यू गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू के बराबर मिलेगा. 

Insurance: एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को आम तौर पर लॉन्ग टर्म की फाइनेंशियल प्लानिंग का अहम हिस्सा माना जाता है. यही नहीं लाइफ इंश्योरेंस (Insurance) मन की शांति भी देता है क्योंकि यह आपको और आपके परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए है. भारत में, लाइफ इंश्योरेंस को मोटे तौर पर दो टाइप में क्लासिफाइड किया जाता है – रेगुलर इंडीविजुअल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी.

इंडीविजुअल लाइफ इंश्योरेंस

जैसा कि नाम से ही पता चलता है, रेगुलर इंडीविजुअल लाइफ इंश्योरेंस एक इंडीविजुअल द्वारा खरीदा जाता है और वो प्लान के तहत अपने परिवार के सदस्य को इसमें शामिल कर सकता है. आप अपनी जरूरतों के अनुसार एक पॉलिसी को चुन सकते हैं और अपने रिटायरमेंट के समय तक या कभी-कभी बाद में भी इसे जारी रख सकते हैं. ऐसी पॉलिसियों का प्रीमियम खरीदी गई पॉलिसी के प्रकार, पॉलिसी की अवधि और बीमा राशि पर निर्भर करता है.

ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस

दूसरी ओर, एक ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लोगों के एक ग्रुप को कवर करती है. यह आम तौर पर एम्प्लॉयर द्वारा जारी की जाती है. यह कंपनी के सभी कर्मचारियों को एक ही प्लान के तहत कवर करती है. लाइफ इंश्योरेंस की खरीद के दौरान सभी फॉर्मेलिटी एम्प्लॉयर द्वारा पूरी की जाती हैं. इसलिए, ग्रुप पॉलसी तभी मिलती है जब आप कार्यरत हों.

इंडीविजुअल बनाम ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस

दोनों, इंडीविजुअल लाइफ इंश्योरेंस और ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस प्लान, के खुद के सेट फीचर्स हैं. दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं. इन दोनों के बीच क्या अंतर है उस पर एक नज़र डालें:

प्राइस: इंडीविजुअल प्लान के विपरीत ग्रुप प्लान अधिक किफायती होते हैं. आपको अलग से प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती है. पॉलिसी के प्रीमियम के रूप में आपकी इनकम से एक छोटा अमाउंट काट लिया जाता है.

फ्लेक्सिबिलिटी: एक इंडीविजुअल लाइफ इंश्योरेंस प्लान आपको कवरेज अमाउंट, राइडर्स, प्रीमियम पेमेंट मोड आदि चुनने की आजादी देता है, लेकिन एक ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको इनमें से कोई भी फ्लेक्सिबिलिटी नहीं देती है. एम्प्लॉयर और इंश्योरेंस कंपनी नियम और शर्तें तय करते हैं.

नो क्लेम बोनस: रेगुलर पॉलिसी में, इंश्योरेंस कंपनी हर क्लेम-फ्री ईयर के लिए नो क्लेम बोनस देती है. लेकिन, ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत, आपको क्लेम-फ्री साल के लिए कोई बेनिफिट नहीं मिलता है.

कवरेज: ग्रुप प्लान के तहत कवरेज अमाउंट आपके एम्प्लॉयर द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार सीमित है. जब आप इंडीविजुअल लाइफ इंश्योरेंस प्लान खरीदते हैं तो ऐसी कोई लिमिट लागू नहीं होती है.

पॉलिसी की वैलिडिटी: क्योंकि एम्प्लॉयर ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रदान करता है, आप इसके बेनिफिट को तब तक इंजॉय कर सकते हैं जब तक आप कंपनी में काम कर रहे हैं. हालांकि, जब तक आप प्रीमियम का भुगतान करते रहते हैं और पॉलिसी को रिन्यू करते रहते हैं, तब तक रेगुलर पॉलिसी वैलिड रहती है.

Published - July 25, 2021, 03:51 IST