इंश्योरेंस कंपनी आपका हेल्थ स्टेटस जानने के बाद पॉलिसी को जारी करते हैं. कई मामलों में, खरीदने वाला का मेडिकल टेस्ट भी जरूरी होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी आपकी हेल्थ के बारे में जानना चाहती थी.
Life Insurance: पॉलिसीहोल्डर की अचानक मौत होने पर परिवार को अचानक आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यदि पॉलिसीहोल्डर अवधि तक जिंदा रहता है तो परिवार को एकमुश्त राशि दी जाती है ताकि परिवार के फाइनेंशियल टारगेट पर प्रभाव न पड़े. हालांकि, इंश्योरेंस खरीदना उतना आसान नहीं है जितना दिखाई देता है, क्योंकि ऐसे कई कारण हैं जिसके चलते कवरेज में मिलने वाली राशि को रिजेक्ट कर दिया जाता है. यहां कुछ कारण दिए गए हैं जिनके आधार पर बीमा कंपनी आपके इंश्योरेंस क्लेम को रिजेक्ट कर दिया जाता है.
इंश्योरेंस कंपनी आपका हेल्थ स्टेटस जानने के बाद पॉलिसी को जारी करते हैं. कई मामलों में, खरीदने वाला का मेडिकल टेस्ट भी जरूरी होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी आपकी हेल्थ के बारे में जानना चाहती थी.
मेडिकल रिपोर्ट की जांच अंडरराइटर द्वारा की जाती है जिसके आधार पर ग्राहक को पॉलिसी जारी की जाती है. अगर रिपोर्ट में मोटापा, अधिक BMI, कोलेस्ट्रॉल या हाई ब्लड प्रेशर जैसी प्रतिकूल स्वास्थ्य स्थितियों का पता चलता है, तो बीमा कंपनी बीमा आवेदन को अस्वीकार कर सकती है.
इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी जारी करने से पहले ग्राहक से इनकम सर्टिफिकेट की मांग करती है. इससे वो जानना चाहती है कि क्या वह भविष्य में इसका जारी रखने में सक्षम है.
अगर पॉलिसीधारक 3 करोड़ रुपए के कवर के लिए आवेदन करता है, लेकिन उसके पास कोई संपत्ति या सपोर्टिंग इनकम नहीं है, तो बीमा कंपनी द्वारा दावा खारिज किया जा सकता है.
वो लोग जो एयरलाइंस में पायलट, फ्लाइट इंजीनियर्स, ट्रक ड्राइवर, या ऐसे अन्य प्रोफेशन से ताल्लुक रखते हैं तो इन्हें हाई रिस्क में माना जाता है.
ऐसा इसलिए है कि इन पेशों में जान जाने का खतरा काफी ज्यादा होता है. इसलिए ऐसे पेशेवर लोगों को पॉलिसी नहीं जारी की जाती है.
पर्वतारोहण, रॉक क्लाइम्बिंग और अन्य एडवेंचर खेलों से ताल्लुक रखने वालों को बीमा कंपनियां खतरनाक गतिविधियों में माना जाता है.
ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों को बीमा कंपनी द्वारा पॉलिसी से वंचित किया जा सकता है क्योंकि उन्हें बीमा कंपनियों द्वारा जोखिम भरा माना जाता है.
इंश्योरेंस कंपनी आपसे पिछले आवेदनों के बारे में भी पूछती है, अगर किसी इंश्योरेंस कंपनी द्वारा आपको रिजेक्ट कर दिया जाता है.
अगर आपका प्रस्ताव पहले ही किसी बीमा कंपनी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है, तो संभावना अधिक है कि नई इंश्योरेंस कंपनी आपको आवेदन का सावधानीपूर्वक से जांच करेगा. इस दौरान चांस भी है कि आपके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया जाए.