कोविड-19 के झटके के बाद लोगों को जीवन बीमा का महत्व और भी अधिक समझ में आने लगा है. अब बहुत से युवा पैरेंट अपने बच्चों के लिए बीमा पॉलिसियां खरीद रहे हैं. आमतौर पर इस तरह के प्लान बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए जाते हैं. बाजार में बहुत से चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान मौजूद हैं. इन्हें खरीदने से पहले आपको इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए.
चाइल्ड प्लान में जरूरत के अनुसार छोटी अवधि और लंबी अवधि के निवेश विकल्प शामिल होते हैं. बच्चों के लिहाज से लंबी अवधि वाले निवेश विकल्प को चुनना बेहतर होता है. इससे मैच्योरिटी के समय अधिक फंड प्राप्त होता है.
चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान में अहम पड़ावों पर वित्तीय मदद मिलती है. इनमें बच्चे की उच्च शिक्षा, उसकी शादी वगैरह शामिल हैं. इसके तहत बीमित व्यक्ति की असमय मृत्यु होने पर लाइफ कवर दिया जाता है. साथ ही निवेश भी बना रहता है. यदि बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो प्लान के मैच्योर होने पर नॉमिनी को पूरी राशि दे दी जाती है.
कई प्लान में आंशिक निकासी की सुविधा होती है. इसके तहत आप अपने फंड का एक निश्चित हिस्सा कुछेक बार निकाल सकते हैं. किंतु यह सुविधा बच्चे के बालिग होने के बाद ही मिलती है.
चाइल्ड, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी होती है. इसलिए इस पर दिए जाने वाले प्रीमियम पर टैक्स बेनेफिट प्राप्त होता है. IT एक्ट 1961 की धारा 80C के तहत आप चाइल्ड इंश्योरेंस प्रीमियम पर 1.5 लाख रुपए सालाना का टैक्स डिडक्शन प्राप्त कर सकते हैं.
लाइफ कवर के साथ, चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान में निवेश का भी विकल्प प्राप्त होता है. आप अपने निवेश को शेयर, डेट बॉन्ड, या हाइब्रिड फंड पर बांट सकते हैं. यह आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करता है.