लाइफ इंश्योरेंस (life Insurance) पॉलिसी यानि जीवन बीमा प्लान कई प्रकार के होते है. कुछ प्लान में आपको निवेश और बचत का मौका मिलता है, वहीं कुछ प्लान फिक्स्ड अवधि तक ही लाभ प्रदान करते है. इंश्योरेंस एक्सपर्ट के मुताबिक, इंवेस्टमेंट को इंश्योरेंस के साथ नहीं जोडना चाहिए. लाइफ इंश्योरेंस (life Insurance) का उद्देश आपके बाद परिवार को वित्तीय सहाय पहुंचाने का होना चाहिए. आपको अपने साथ जुडे रिस्क और भविष्य को ध्यान में रखते हुए योग्य जीवन बीमा प्लान खरीदना चाहिए.
दूसरी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में आमतौर पर 65-70 साल की अधिकतम सीमा होती है, उसके बाद मौत होने पर नॉमिनी डेथ क्लेम नहीं ले सकता, लेकिन Whole Life Insurance Plan यानि आजीवन लाइफ इंश्योरेंस में आपको जीवनभर सुरक्षा कवर मिलता है. ये प्लान खरीदने वाले की मौत 99 साल की उम्र में होती है तो भी नॉमिनी क्लैम करने का हकदार है. इस पॉलिसी का प्रीमियम काफी ज्यादा रहता है.
आपके चले जाने के बाद परिवार को अधिकतम बेनिफिट मिले उसके लिए एक्सपर्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान लेने की सलाह देते है. इसका नाम ही टर्म प्लान है, यानि आप निश्चित अवधि (10, 20 या 30) के लिए इसे खरीद सकते है. अवधि तक प्रीमियम चुकाने के बाद कोई मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं मिलता, लेकिन टर्म के दौरान पॉलिसी धारक की मृत्यु होती है तो लाभार्थी को एक तय रकम मिलती है. 25 साल का व्यक्ति रू.10,000 तक का प्रीमियम चुका कर रू.1 करोड का टर्म प्लान ले सकता है.
आप मार्केट के साथ लिंक्ड प्रोटेक्शन प्लान खरीदना चाहते है तो इसे ले सकते है. इसमें प्रोटेक्शन और निवेश दोनों शामिल हैं. यूलिप में निवेश वाले हिस्से को बॉन्ड और शेयर में लगाया जाता है और म्यूचुअल फंड की तरह आपको यूनिट मिलते है, ऐसे में रिटर्न मार्केट के उतार-चढ़ाव पर बेस्ड होता है, इसलिए रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है.
निवेश और बीमा के मेल वाली यह पॉलिसी के टर्म दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु होती है तो पूरा एश्योर्ड सम लाभार्थी को मिलता है. इसमें प्रीमियम सबसे ज्यादा होता है. इस पॉलिसी में बोनस के साथ एश्योर्ड सम पॉलिसी टर्म के दौरान ही किस्तों में वापस किया जाता है. आखिरी किस्त पॉलिसी खत्म होने पर मिलती है.
इस प्रकार की लाइफ इंश्योरेंस कैटेगरी में ट्रेडिशनल और यूनिट लिंक्ड दोनों तरह के प्लान्स कवर होते हैं. इस तरह का लाइफ इंश्योरेंस प्लान बीमा लेने वाले और उसके परिवार को भविष्य के खर्चों के लिए एकमुश्त फंड का भरोसा दिलाता है.
चाइल्ड प्लान में पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद बच्चे को एक निश्चित अवधि तक एकमुश्त रकम का भुगतान होता है लेकिन पॉलिसी खत्म नहीं होती है. भविष्य के सारे प्रीमियम माफ कर दिए जाते हैं और इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीधारक की ओर से निवेश जारी रखती है.
एंडोमेंट पॉलिसी के तहत पॉलिसीधारक की मौत होने पर या निर्धारित सालों के बाद पॉलिसी अमाउंट की फेस वैल्यू का भुगतान किया जाता है. इसमें भी बीमा और निवेश दोनों होते हैं. इस पॉलिसी में एक निश्चित अवधि के लिए रिस्क कवर होता है और उस अवधि के खत्म होने के बाद बोनस के साथ एश्योर्ड सम पॉलिसीधारक को वापस किया जाता है.
यह एक रिटायरमेंट सॉल्यूशन प्लान है, इसलिए लाइफ इंश्योरेंस कवर नहीं मिलता. इसमें तय की गई एक अवधि के बाद आपको या आपके बाद बेनिफीशियरी को पेंशन के तौर पर एक निश्चित रकम का भुगतान किया जाएगा.